पमरे में दौड़ रही भर्रेशाही की रेल...ऐन मौके पर 2 बार बदले प्लेटफार्म, लिफ्ट भी बंद


जबलपुर।
पश्चिम मध्य रेलवे में काफी समय से भर्रेशाही की रेल दौड़ रही है। यहां पदस्थ अधिकारी कर्मचारी भी भर्रेशाही की इस रेल को रेड सिग्नल दिखाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। आलम यह है कि ऐन वक्त पर ट्रेनों का प्लेटफार्म बदल दिया जाता है, ऊपर से प्लेटफार्म में लगी लिफ्ट भी बंद होने के कारण यात्रियों को बेहद कठिनाई का सामना करना पड़ता है। बिल्कुल ऐसा ही आलम आज सुबह मंगलवार को देखने को मिला।

इंदौर से चलकर बिलासपुर जाने वाली नर्मदा एक्सप्रेस को मंगलवार की सुबह पहले तो प्लेटफार्म क्रमांक 5 पर आने की जानकारी दी गई और जैसे ही ट्रेन के आने का समय हुआ तो अचानक एनाउंस कर दिया कि उक्त ट्रेन अब प्लेटफार्म क्रमांक 6 पर आएगी। एनाउंसमेंट सुनकर यात्रियों में अफरा तफरी मच गई। प्लेटफार्म क्रमांक 5 की लिफ्ट बंद होने के कारण वृद्धजनों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। बात यहीं खत्म नहीं हुई, यात्रीगण जैसे तैसे भागदौड़ कर प्लेटफार्म क्रमांक 6 पर पहुंचे तो फिर एनाउंसमेंट किया गया कि इंदौर से चलकर बिलासपुर जाने वाली नर्मदा एक्सप्रेस अब प्लेटफार्म क्रमांक 2 पर आएगी। फिर क्या था, यात्रियों ने जैसे तैसे प्लेटफार्म क्रमांक 6 से 2 तक दौड़ लगाना शुरू किया तो एक वृद्ध हांफते हुये रैम्प पर ही बैठ गए, दौड़ लगाने के चक्कर में एक महिला की करीब तीन साल की बच्ची गिर पड़ी। बहरहाल यात्रियों ने रेलवे के जिम्मेदारों और विभागीय व्यवस्था को जमकर कोसते हुए प्लेटफार्म क्रमांक 2 से ट्रेन पकड़ी।

ऐसा अक्सर होता है
पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्यालय में कथित तौर पर चल रही भर्रेशाही कोई नई बात नहीं है। बताया जाता है कि यहां अक्सर ही ऐन वक्त पर प्लेटफार्म बदलने का सिलसिला वर्षों से जारी है। इससे साफ जाहिर होता है कि पमरे में कुछ भी पूर्वनियोजित नहीं है। न तो ट्रेनों का संचालन ठीक से हो रहा है और ना ही स्टेशन की व्यवस्था में सुधार। आखिर इसके लिए कौन जिम्मेदार है।

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