सालों पहले चंबल के बीहड़ में डकैत रहे मलखान सिंह आज बुधवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा उन्हें सदस्यता दिलाई गई। कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण करते वक्त मलखान सिंह ने कहा जहां मेरा प्रचार होगा, वहां कांग्रेस जीतेगी। उन्होंने आगे कहा पहले अन्याय के खिलाफ बंदूक उठाई थी, आज अन्याय के खिलाफ बिगुल बजाया है। उन्होंने कहा, अन्याय और अत्याचार नहीं बढ़ता तो मैं बागी नहीं बनता। सिद्धांत वाली पार्टी जानकर भाजपा के लिए कभी प्रचार किया था, लेकिन भाजपा में अब अन्याय-अत्याचार बढ़ गया है। चार दशक पहले मलखान सिंह बीहड़ के दस्यु किंग कहलाते थे।
मंदिर की जमीन के लिए बने थे बागी
4 दशक पहले पूर्व डकैत मलखान सिंह मंदिर की जमीन का हक दिलवाने बागी बन गए थे। जिसके बाद 1982 में मलखान सिंह और उनकी गैंग ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की मौजूदगी में समर्पण कर दिया था। उसे दौरान आत्मसमर्पण को देखने के लिए मैदान में 30 हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई थी। इसके बाद मलखान 6 साल जेल में रहे और साल 1989 में सभी मामलों में बरी करके उन्हें रिहा कर दिया गया।
टिकट ना मिलने पर छोड़ा था भाजपा का दामन
साल 2019 में भाजपा से टिकट न मिलने पर मलखान सिंह पार्टी छोड़ दी थी, बाद में उन्होंने अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का दामन थाम लिया था । इसके बाद वे धौरहरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन हार गए थे।