जबलपुर । शहर के एक निजी अस्पताल पर मरीज के परिजनों द्वारा किडनी निकालने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में दयाराम सिंह गोड निवासी चचाई बस्ती अनूपपुर द्वारा चचाई थाने में जबलपुर के एक निजी अस्पताल के खिलाफ लिखित शिकायत दी है। जिसमें उन्होनें बताया है कि उनका बेटा 23 वर्षीय महेंद्र सिंह का 13 जुलाई एक्सीडेंट हो गया था। सिर में चोट लगने के कारण उसे गंभीर स्थिति में जिला अस्पताल अनूपपुर लाया गया था। जहां से उसे मेडिकल कॉलेज शहडोल रेफर किया । इसके बाद वे अपने बेटे का जबलपुर के मेडिकल कॉलेज लेकर आए, लेकिन उनके बेटे को वहां एडमिट नहीं किया गया। दयाराम सिंह गोड ने बताया कि मेडिकल में उन्हें आदर्श नाम के एक व्यक्ति ने संस्कारधानी हास्पिटल ले जाने की सलाह दी । जहां पर उसका 15 जुलाई को ऑपरेशन किया गया। इसके महेंन्द्र 2 दिन अस्पताल में भर्ती रहा। अस्पताल में एडमिट रहने के दौरान डॉक्टरों द्वारा पिता दयाराम सिंह को बताया गया कि उनके बेटे की मृत्यु हो गई है, इसके बाद परिजन उसे एम्बुलेंस से घर लेकर आ गए ।
पीएम रिपोर्ट में हुआ खुलासा
मृतक महेंद्र सिंह के पिता ने बताया कि घर वाले दाह संस्कार के लिए उसे सोन नदी में ले गए। इस दौरान जब महेंद्र के कपड़े उतारे गए तब पेट में चीरा लगा हुआ दिखा। शंका होने पर परिजनों ने अंतिम संस्कार ना करते हुए इसकी शिकायत चचाई थाने में कर दी। जिसके बाद पुलिस द्वारा महेंद्र के शव को पीएम के लिए भिजवाया गया। पीएम रिपोर्ट में सामने आया है कि महेंद्र के सिर के ऑपरेशन के बाद हड्डी को पेट में रखा गया था ।