जबलपुर। सिहोरा और कटनी के बीच स्लीमनाबाद की पहाडी पर देश की सबसे लंबी पानी वाली टनल बनाई जा रही है। इस टनल का निर्माण लगभग पिछले 15 वर्षो से किया जा रहा है। जिसकी इस साल के अंत तक पूर्ण होने की उम्मीद जताई जा रही है। इस टनल की कुल लंबाई लगभग 11.95 किलोमीटर है। जो अब लगभग पूर्णता की ओर है। जानकारी के मुताबिक इस टनल के पूर्ण होने जाने पर कटनी, रीवा-सतना की सूखी जमीन नम होने लगेगी। वहीं रबी सीजन में 2 लाख हेक्टेयर जमीन को पानी मिल जाएगा। इसके अलावा इस प्रोजेक्ट से जबलपुर और कटनी शहरों को भी पानी मिलेगा।
सात बार बदली गई प्रोजेक्ट की डेडलाइन
इस टनल के निर्माण में तरफ जर्मन और दूसरी तरफ अमेरिकन कटर मशीन लगी हुई है। जो लगातार कई सालों से काम पर लगी हुई है। जानकारी के मुताबिक इस टनल के निर्माण में ईजीनियरों और वर्करों को इतनी मुसीबतों का सामना करना पडा है कि इस प्रोजेक्ट की डेडलाइन 7 बार बदली जा चुकी है।
रेल से अंदर जाते हैं मजदूर
भारत की सबसे लम्बी पानी वाली टनल के निर्माण के लिए मजदूरों को रेल द्वारा अंदर भेजा जाता है। वहीं इस प्रोजेक्ट के निर्माण कई बाद खुदाई के दौरान हजारों लीटर पानी बाहर आता है। जिससे अंदर जाने वाली रेल तक डूब जाती है। इस टनल के बन जाने के बाद बरगी डेम की बांई नहर के जरिए नर्मदा के पानी को आगे जाकर चित्रकूट में प्रवाहित मंदाकिनी में मिलाया जाएगा। पानी नर्मदा कछार से सोन-टोंस कछार (गंगा कछार) में जाएगा।