जबलपुर। मेडिकल कॉलेज में बने सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर द्वारा भ्रूण में ह्दय की बीमारी का पता लगाकर उसका सफल ऑपरेशन किया गया। सिवनी निवासी महिला को सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल जबलपुर के बाल ह्दय रोग विषेषज्ञ डॉ. प्रदीप जैन द्वारा गर्भावस्था के 20 वे सप्ताह में भ्रूण के ह््रदय की जॉच करके कोआर्कटेसन ऑफ एओरटा नामक गंभीर बीमारी की जानकारी दी गई थी। इस बिमारी में ह्दय से निकलने वाली धमनी में रूकावट होती है। इस बीमारी का पता लगने के बाद डॉ. प्रदीप जैन द्वारा निरंतर निगरानी के दौरान बच्चे का रक्तचाप बहुत अधिक होने के कारण 3 महीने की आयु में बच्चे की बैलून पद्धति द्वारा बिना चीर-फाड के सफल सर्जरी की गई। इस दौरान उक्त महिला को स्त्री रोग एवं बाल ह्दय रोग विशेषज्ञ के साथ निरंतर निगरानी में रखकर समय पूरा होने पर बच्चे की डिलेवरी करायी गई। वहीं बच्चे की सर्जरी के अगले दिन ही छुट्टी कर दी गयी तथा बच्चा अभी स्वस्थ है। उक्त सर्जरी शासकीय योजना के अंतर्गत पूर्णत: नि:शुल्क की गई। उक्त इलाज अधिष्ठाता डॉ. गीता गुईन, संचालक डॉ. वाय आर यादव एवं अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र गुप्ता के दिशा-निर्देश में किया गया। साथ ही इस सर्जरी में कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ. सुहैल सिद्दकी, डॉ. अमित किनरे, डॉ. विकास मिश्रा, डॉ. शिशिर सोनी एवं निश्चेतना रोग विषेषज्ञ डॉ. विश्वनाथ मोहिरे एवं डॉ. अनिवेश जैन का भी योगदान रहा है।
जबलपुर। मेडिकल कॉलेज में बने सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर द्वारा भ्रूण में ह्दय की बीमारी का पता लगाकर उसका सफल ऑपरेशन किया गया। सिवनी निवासी महिला को सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल जबलपुर के बाल ह्दय रोग विषेषज्ञ डॉ. प्रदीप जैन द्वारा गर्भावस्था के 20 वे सप्ताह में भ्रूण के ह््रदय की जॉच करके कोआर्कटेसन ऑफ एओरटा नामक गंभीर बीमारी की जानकारी दी गई थी। इस बिमारी में ह्दय से निकलने वाली धमनी में रूकावट होती है। इस बीमारी का पता लगने के बाद डॉ. प्रदीप जैन द्वारा निरंतर निगरानी के दौरान बच्चे का रक्तचाप बहुत अधिक होने के कारण 3 महीने की आयु में बच्चे की बैलून पद्धति द्वारा बिना चीर-फाड के सफल सर्जरी की गई। इस दौरान उक्त महिला को स्त्री रोग एवं बाल ह्दय रोग विशेषज्ञ के साथ निरंतर निगरानी में रखकर समय पूरा होने पर बच्चे की डिलेवरी करायी गई। वहीं बच्चे की सर्जरी के अगले दिन ही छुट्टी कर दी गयी तथा बच्चा अभी स्वस्थ है। उक्त सर्जरी शासकीय योजना के अंतर्गत पूर्णत: नि:शुल्क की गई। उक्त इलाज अधिष्ठाता डॉ. गीता गुईन, संचालक डॉ. वाय आर यादव एवं अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र गुप्ता के दिशा-निर्देश में किया गया। साथ ही इस सर्जरी में कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ. सुहैल सिद्दकी, डॉ. अमित किनरे, डॉ. विकास मिश्रा, डॉ. शिशिर सोनी एवं निश्चेतना रोग विषेषज्ञ डॉ. विश्वनाथ मोहिरे एवं डॉ. अनिवेश जैन का भी योगदान रहा है।