जबलपुर। मध्य प्रदेश में शुक्रवार, 5 दिसंबर की शाम होते-होते मौसम ने ऐसी करवट ली है कि लोगों को अब कड़कड़ाती सर्दी का अहसास होने लगा है। उत्तरी पहाड़ों पर हुई बर्फबारी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य में बर्फीली हवाओं का जोर बढ़ गया है। इन हवाओं ने दिन भर चली हल्की धूप के बावजूद शाम होते-होते तापमान को इस कदर नीचे खींच लिया है कि शहरवासी अब गर्म कपड़ों और हीटरों का सहारा लेने पर मजबूर हो गए हैं।
कुछ दिन पहले तक दिन में हल्की गर्मी महसूस हो रही थी, वहीं अब शाम 7 बजे तक वातावरण में एक तीखी ठिठुरन घुल गई है। मौसम विभाग की अनौपचारिक रिपोर्टों और स्थानीय लोगों के अनुभव के अनुसार, दिन का अधिकतम तापमान भले ही सामान्य के आसपास रहा हो, लेकिन न्यूनतम तापमान में आई गिरावट और हवा की गति ने ठंड के वास्तविक प्रभाव को कई गुना बढ़ा दिया है। हिमालयी क्षेत्र में सक्रिय हुए पश्चिमी विक्षोभ और उसके बाद हुई व्यापक बर्फबारी को माना जा रहा है।
पहाड़ों से आ रही बर्फ की ठंडी हवाएं अब बिना किसी बाधा के मैदानी इलाकों तक पहुंच रही हैं। इन हवाओं ने न केवल जबलपुर बल्कि पचमढ़ी, नौगांव, खजुराहो और अन्य उत्तरी जिलों में भी शीतलहर जैसा माहौल बना दिया है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में जब यह हवाएँ और स्थिर होंगी, तब रात और सुबह के तापमान में और अधिक गिरावट दर्ज की जाएगी। लोगों को यह आशंका सता रही है कि कहीं इस बार की सर्दी पिछले वर्षों के सारे रिकॉर्ड न तोड़ दे।
विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि इस अचानक बढ़ी ठंड को हल्के में न लिया जाए। बच्चों, बुजुर्गों और ऐसे लोग जो पहले से ही किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, उन्हें ठंड से बचने के लिए विशेष एहतियात बरतने की आवश्यकता है। डॉक्टरों ने श्वसन संबंधी बीमारियों और जोड़ों के दर्द में वृद्धि की चेतावनी दी है, जो अक्सर तापमान में अचानक गिरावट के साथ होते हैं।
