बताया गया है कि ग्वालियर के आदर्शपुरम में किराए के मकान में रहने वाले मृत्युंजय चौहान पेशे से वकील थे, जो पीएचडी भी कर रहे थे। मृत्युंजय चौहान का पिछले पांच साल से मुरैना में पदस्थ एक महिला सब-इंस्पेक्टर से प्रेम संबंध रहे। पिछले दिन प्रेमिका से मिलने गया था। जहां उसने उसे एक अन्य आरक्षक के साथ कमरे में देखा। इसके बाद दोनों में विवाद हुआ और मारपीट भी हुई। उसी घटना के बाद से वह अवसाद में चला गया। परिजनों ने उन्होंने कई बार मृत्युंजय समझाने की कोशिश की लेकिन वह सदमे से बाहर नहीं आ पा रहा था। बीती शाम मृत्युंजय चौहान ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजन विजयपुर से ग्वालियर बेटे से मिलने आए तो पता चला कि मृत्युंजय ने फांसी लगा ली है। परिजनों का आरोप है कि मृत्युंजय ने प्रेमिका के घर हुई मारपीट को लेकर थाने में शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उसने अपनी मां को फोन कर रोते हुए पूरी बात बताई थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को फांसी से उतारने के बाद जब मृत्युंजय का कड़ा, चेन व ताबीज उसकी मां को सौंपा तो वह फूट-फूटकर रो पड़ीं।
प्रेमिका के नाम खरीदे थे दो प्लॉट-
मां का आरोप है कि बेटे ने अपने हिस्से की रकम से ग्वालियर में दो प्लॉट प्रेमिका के नाम खरीदे थे। सब कुछ सामान्य लग रहा था, किसी तरह का शक नहीं था।