
कोटा। पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा में पदस्थ एक टीटीई की ईमानदारी की चर्चा इन दिनों रेलवे गलियारे से लेकर सोशल मीडिया पर जमकर हो रही है. दरअसल निजामुद्दीन-कोटा जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन (12060) में गंगापुर के एक टीटीई (ट्रेवलिंग टिकट एक्जामिनर) की ईमानदारी की मिसाल सामने आई है। टीटीई रूपचंद मीणा को ट्रेन में गश्त के दौरान एक लावारिस ट्रॉली बैग मिला, जिसमें भारी मात्रा में नकदी और जेवरात रखे थे।
ट्रॉली बैग में सोने और चांदी के आभूषण रखे थे, जिनकी कीमत लगभग 8 से 10 लाख रुपए बताई जा रही है। आभूषणों में एक हार, चार अंगूठी, एक जोड़ी कुण्डल, नथ, टीका, लौंग, मंगलसूत्र, चेन पेंडल सहित टोपिस, छह जोड़ी तोडिय़ाँ, चार कड़े, पायजेब और ब्रेसलेट शामिल थे। जेवरात के साथ बैग में 50,000 नकद और कुछ कपड़े भी रखे हुए थे। टीटीई रूपचंद मीणा ने बिना देर किए यह लावारिस बैग ट्रेन में गश्त कर रहे कोटा के आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) जवानों भूपाल सिंह और मुकेश मीणा को सौंप दिया।
आरपीएफ अधिकारियों के अनुसार, बैग में यात्री की पहचान से संबंधित कोई भी दस्तावेज नहीं मिला है, जिसके कारण मालिक की पहचान करना मुश्किल हो रहा है। आरपीएफ द्वारा अब बैग के असली मालिक की तलाश की जा रही है।