सतना। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने कहा कि बंटवारे के बाद सिंधी भाई पाकिस्तान नहीं गए वे अविभाजित भारत आए, मुझे इस बात की खुशी है। जो हम घर का कमरा छोड़कर आए हैं। कल वापस लेकर फिर से डेरा डालना है।
उन्होंने भाषा विवाद पर बोला कि भाषा अनेक है भाव एक ही होता है। मूल भाषा से ही निकली है अनेक भाषाएं। सारी भाषाएं भारत की राष्ट्र भाषा है। प्रत्येक नागरिक को 3 भाषा कम से कम आना चाहिए। घर, राज्य और राष्ट्र की भाषा आनी ही चाहिए। संघ प्रमुख सतना में अपने प्रवास के दूसरे दिन आज बाबा मेहर शाह दरबार की नव निर्मित बिल्डिंग का लोकार्पण किया। इस अवसर पर बीटीआई ग्राउंड में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए डॉ भागवत ने कहा कि हम सब एक है। सभी सनातनी और हिन्दू है लेकिन एक अंग्रेज आया और टूटा हुआ दर्पण दिखा कर अलग-अलग कर गया। आज जरूरत है कि हम अच्छा दर्पण देख कर एक हो। हम आध्यात्मिक परंपरा वाला दर्पण देखेंगे तो एक दिखेंगे। ये दर्पण दिखाने वाले हमारे गुरु है। उन्होने कहा कि अपना अहंकार छोड़ो और स्व को देखो। काम की इच्छा की पूर्ति के लिए अपने धर्म को न छोड़ो। देश के स्व को ले कर चले तो सारे स्व सध जायेंगे। इस दौरान दरबार प्रमुख पुरुषोत्तम दास महाराज, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला, राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी, सांसद गणेश सिंह, इंदौर सांसद शंकर लालवानी, विधायक भगवान दास साबनानी, जबलपुर कैंट विधायक अशोक रोहानी, साधु संत समेत शहर के गणमान्य जन मौजूद रहे।