जनेकृविवि में फिर गूंजा भर्ती घोटाला,अफसरों पर आरक्षण रोस्टर की धज्जियां उड़ाने का आरोप,राज्यपाल को लिखा पत्र,विवि में हड़कंप
जबलपुर। जवाहर लाल नेहरू कृषि विवि के भर्ती घोटाले की गूंज एक बार फिर से सुनाई दे रही है। अब राज्यपाल को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग उठाई गयी है। आरोपित है कि विवि प्रबंधन ने योग्य उम्मीदवारों की जगह अपने रिश्तेदारों को नौकरियां दीं। आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया, जहां सामान्य और ओबीसी के उम्मीदवार तैनात होने थे,वहां एससी और एसटी के लोग नियुक्तियां पा गये हैं। गंभीर आरोप है कि आरक्षण रोस्टर का पालन किए बिना आवेदकों का न तो पुलिस वेरिफिकेशन कराया गया और न ही उनके जाति या अन्य प्रमाण-पत्रों की जांच कराई गईं। जन जागरण मंच के रमाकांत मिश्रा ने राज्यपाल को भेजी शिकायत में मामले से जुड़े सभी आरोपों के बारे में जानकारी देकर जांच की मांग की है।
-आरोप लगे तो दिखावे की जांच हुई
वर्ष 2018 और उसके बाद जवाहर लाल नेहरू कृषि विवि में एक सैकड़ा से अधिक पदों पर आरक्षण और रोस्टर का पालन किए बिना ही नियुक्त की गईं थी। इस मामले में अनियमितताओं के आरोप लगने शुरू हुए तो आनन-फानन में प्रशासन ने तत्कालीन कुलसचिव रेवा सिंह सिसोदिया का तबादला कर दिया जबकि भर्ती प्रभारी अरुण केवट को नोटिस जारी किया। आरोप है कि सिसोदिया के रिश्तेदार ओबीसी कैटेगिरी के हैं और वे एसटी की सुविधाएं ले रहे हैं। मामले को लेकर जवाहर लाल नेहरू कृषि.विवि में अब मांग उठाई जारही है कि नए सिरे से जांच कराई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो। जिन लोगों को फर्जी तरीके से भर्ती किया गया है उनसे हुए करोड़ों रुपये भरपाईं की जाए।
-इन पर जांच की आंच क्यों नहीं
जानकारों का कहना है कि जिनकी सहमति से यह सब हुआ उन तक जांच की आंच अब तक नहीं पहुंची है। पूरे घोटाले में बराबर के भागीदार अभी भी बेदाग घूम रहे हैं और उन्हें लगता है कि वे अब नहीं पकड़े जाएंगे। शिकायत में दावा किया गया है कि यदि निष्पक्ष जांच की जाए तो इस भर्ती घोटाले में शामिल अन्य चेहरों का भी खुलासा होगा, जो निहायत ही चौंकाने वाला होगा।