जिला पंचायत कार्यालय ने जारी किया आदेश, कर्मचारियों ने किया था विरोध-प्रदर्शन
जबलपुर। एक तरफ सरकार सार्थक एप से ई-हाजिरी अनिवार्य करने पर जोर दे रही है, वही जबलपुर में सरकारी सिस्टम सार्थक एप पर पीछे हटने का संकेत दे रहा है। जिला पंचायत कार्यालय ने आज अपने 15 अक्टूबर के उस आदेश को संशोधित कर दिया है,जिसमें सार्थक एप को अनिवार्य किया गया था। जिला पंचायत की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अब यदि कर्मचारी चाहें तो रजिस्टर पर ही हाजिरी दे सकते हैं। इस आदेश को कर्मचारियों ने अपनी जीत बताया है। पिछले दिनों सार्थक एप को लेकर आ रही कठिनाईयों को लेकर संयुक्त मोर्चा द्वारा ज्ञापन सौंपा गया था।
-ई-हाजिरी से परहेज क्यों
मोर्चा में ‘ाामिल आदिवासी बहुजन अधिकार कल्याण संघ के प्रांतीय अध्यक्ष देवेश चैधरी ने बताया कि सार्थक एप को तकनीकी रूप से अभी और ताकतवर बनाने की जरूरत है,क्योंकि इससे साइबर फ्रॉड का खतरा बना हुआ है। बार-बार सरकारी आदेश जारी किए जा रहे हैं,जिससे कर्मचारियों को मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है। बीते दिन संघ ने प्रदर्शन करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था और इसके बाद ही आदेश को संशोधित किया गया। ज्ञापन सौंपते वक्त देवेश चैधरी, तरुण रोहितास, राजेंद्र पटेल,संजय नेमा,राजेंद्र कापसे,राम मिलन यादव,भारत पटेल,संतोष रजक,रविशंकर परस्ते,अतुल मिश्रा, कमलेश धपोड़कर, शिवनाथ चैधरी आलम,तेजकुमार भगत, शिवकुमार गोटियां, डॉ बी एल झारिया, एस पी मरावी,उमेश मेहरा,भगवानदास साहू,धीरेन्द्र बरकडे,श्यामा मिहौलिया, राजकुमार श्रीवास,अंजना राव,राजेंद्र प्रधान, दीपा चतुर्वेदी,सुभाष रजक, एस्तर सिंह,रागिनी पांडे,रामजी सैयाम,सोनेलाल उरेती,अनिल चैबे,दिनेश चैधरी,प्रभात ठाकुर,राजेश परोहा,शंकर मरावी,राजेश तिवारी,ममता यादव, धनंजय शर्मा,राजेंद्र पूरी,अमित साहू,आलोक दुबे,संजय सेन,धर्मेन्द्र कुशवाहा,महेश अहिरवार,अनिल कोष्टा,,नारायण पटेल,मनोज लोबंडे,अरुण पटेल,अविका पटेल,आलोक दुबे,डेनियल इब्राहिम,शैलेश रजक,नोनेलाल पटेल,अमित ठाकुर,रितेश तहंगुरिया,रज्जन झरिया,प्रमोद कुशवाहा,मुन्ना बरकड़े,राजू टेकाम,रोहिणी झारिया,कमलेश मरावी,संतोष तिवारी देवेंद्र बरकड़े एवं दीपक चैधरी आदि उपस्थित थे।

.jpg)