परिवहन आयुक्त ने दिए कार्रवाई के आदेश, दूसरे राज्यों से एनओसी लेकर प्रदेश में रजिस्टर्ड होने वाले वाहनों में मिली गड़बड़ी,आरटीओ का अमला हुआ अलर्ट
जबलपुर। ये चौंकाने वाली सच्चाई है कि जबलपुर की सड़कों पर ऐसे वाहन भी दौड़ रहे हैं,जिनका चेचिस नंबर और मेक मॉडल फर्जी है। जिस चेचिस नंबर के आधार पर ये वाहन आरटीओ में रजिस्टर्ड होने पहुंच रहे हैं, उसका रिकॉर्ड वाहन की निर्माता कंपनी के पास नहीं है। मप्र के परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा ने जबलपुर सहित सभी जिलों के परिवहन अधिकारियों को ऐसे वाहनों की सख्ती से जांच करने के निर्देश जारी किए हैं। आरटीओ का अमला जांच में जुट गया है।
--कैसे की जा रही जालसाजी
लक्षद्वीप, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड से एनओसी के आधार पर मप्र में रजिस्टर्ड होने आई गाड़ियों में यह गड़बड़ी मिली है। मप्र परिवहन विभाग ने जब निर्माता कंपनी से संबंधित गाड़ी के मेक मॉडल एवं चेचिस नंबर की इंक्वायरी की तो निर्माता कंपनी ने ऐसे वाहन के निर्माण से इनकार कर दिया। इससे यह साबित हुआ कि ये गाड़ियां अलग-अलग वाहनों के पुर्जो से असेंबल हुई है और फर्जी तरीके से चेचिस नंबर अंकित करने के बाद संबंधित राज्य में बैकलॉग एंट्री से ऑनलाइन दर्ज करवा ली गई । इसके बाद अन्य राज्य में गाड़ी चलाने और रजिस्टर्ड करने की एनओसी भी प्राप्त कर ली गई जिसे मप्र के अलग-अलग परिवहन कार्यालयों में रजिस्टर्ड कराया जा रहा है। कुछ वाहन मालिक ऐसा करते पकड़े गये हैं,जिन पर कार्रवाई की जा रही है।
-इस नियम की आड़ में हो रही गड़बड़ी
केंद्रीय परिवहन नियमों के अंतर्गत किसी भी राज्य में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी बैकलॉग आधार पर पुरानी गाड़ी को ऑनलाइन सिस्टम में अपडेट कर सकता है। इसका डेटा पहले ऑनलाइन दर्ज नहीं था। लक्षद्वीप, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड में इस नियम का उल्लंघन किया गया है। यहां कई ऐसे वाहनों को ऑनलाइन दर्ज करवा दिया, जिनका कोई डेटा निर्माता कंपनी के पास नहीं है। एक बार सिस्टम में शामिल होने के बाद इन गाड़ियों को देश के अलग राज्यों में ऑनलाइन ट्रांसफर कर खरीदी और बिक्री की जा रही है।
-पोर्टल से होता है वैरिफिकेशन
केंद्र सरकार के होमोलोगेशन पोर्टल पर निर्माता कंपनियों को निर्मित होने वाली सभी गाड़ियों की जानकारी अपलोड करनी होती है। इस पोर्टल का एक्सेस परिवहन विभाग के पास होता है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों को निर्देश है कि बाहरी राज्यों की एनओसी पर पंजीयन करने से पहले पोर्टल से गाड़ी के सभी मेक मॉडल, चेचिस नंबर का मिलान कर लिया जाए। दूसरे राज्यों में फर्जी तरीके से बैकलॉग एंट्री व्यवस्था का दुरुपयोग कर गाड़ियों को ऑनलाइन रजिस्टर्ड कराया गया है।
वर्जन
-प्रक्रिया का पालन करेंगे
फर्जी चेचिस नंबर वाले वाहनों के प्रकरण सामने आने के बाद हम पूरी तरह से अलर्ट हो गये हैं। तय किया गया है कि वाहनों के रजिस्ट्रेशन में प्रक्रिया का पूरा पालन किया जाए और पोर्टल से वैरिफिकेशन के बिना प्रोसेस शुरु नहीं की जाएगी।
जितेंद्र रघुवंशी, आरटीओ