विहिप ने गरबा में एंट्री की बनाई गाइड लाइन, तिलक-गौमूत्र लगाने पर ही मिलेगा कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश

 
नई दिल्ली.
विश्व हिंदू परिषद की ओर से नवरात्रि के अवसर पर आयोजित की जाने वाले गरबा कार्यक्रम में प्रवेश को लेकर सख्त नियम बनाए गए हैं. विहिप द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक किसी भी गैर हिंदू के प्रवेश पर रोक रहेगा. साथ ही आधार कार्ड के बिना एंट्री नहीं मिलेगी और माथे पर तिलक और गौमूत्र लगाना अनिवार्य बताया गया है. 

संगठन की ओर से इस फैसले के पीछे तर्क देते हुए कहा गया कि यह उपाय लव जिहाद को रोकने के मकसद से किया जा रहा है. विहिप का मानना है कि इसका इस्तेमाल कुछ दक्षिणपंथी समूह हिंदू महिलाओं के धर्म परिवर्तन के प्रयासों का आरोप लगाने के लिए करते हैं.

सख्त निर्देश को करना होगा फॉलो

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने कहा कि गरबा महज एक नृत्य नहीं है, बल्कि देवी को प्रसन्न करने के लिए पूजा का एक तरीका है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे (मुसलमानों का स्पष्ट संदर्भ) मूर्ति पूजा को किसी भी तरीके से नहीं मानते हैं. ऐसे में इस पूजा में केवल उन्हीं लोगों को भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए जो अनुष्ठानों में आस्था रखते हों. जिससे की लोगों की भावनाओं को ठेस ना पहुंचे. उन्होंने बताया कि संगठन द्वारा गरबा आयोजकों को प्रवेश बिंदुओं पर आधार कार्ड की जांच करने, प्रतिभागियों को तिलक लगाने और प्रवेश से पहले पूजा सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए परामर्श जारी किया गया है.

विहिप और बजरंग दल की खास नजर 

नायर ने बताया कि इस पर विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ता द्वारा निगरानी रखी जाएगी. उन्होंने कहा कि गरबा एक पूजा पद्धति है, कोई मनोरंजन का तरीका नहीं है. ऐसे में जिन लोगों की देवी में आस्था नहीं है, उन्हें ऐसे स्थलों पर जाकर अपमान नहीं करना चाहिए. विहिप विदर्भ महासचिव प्रशांत तित्रे ने यह तक कह दिया कि प्रतिभागियों पर गौमूत्र भी छिड़का जाएगा. वहीं विहिप के विदर्भ प्रांत संयोजक नवीन जैन ने मांग की है कि गरबा कार्यक्रमों में किसी भी प्रकार के नशे या धूम्रपान की अनुमति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में यह देखा गया है कि हिंदू लड़कियों को लव जिहाद का निशाना बनाया गया है. इसलिए हम गरबा आयोजकों से अपील करते हैं कि वे ऐसे लोगों को अनुमति न दें.

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