जबलपुर। विवाह विच्छेद की एक अर्जी पर अदालत ने पति पर प्रताड़ना का लांछन झूठा पाया, लिहाजा पत्नी के द्वारा दायर याचिका को एक सिरे से खारिज कर दिया है। अर्जी के आधार पर अदालत की दलील है कि गंगानगर की रहने वाली याचिकाकर्ता महिला अन्जुल का विवाह वर्ष 2013 में नितिन से हुआ था। पति पर मारपीट, प्रताड़ना और शारेरिक अक्षमता के आरोप लगाते हुए सास-ससुर पर मारपीट करने के लांछन लगाकर विवाह-विच्छेद याचिका लगाई गई थी। याचिका में 5 लाख रूपये स्थाई भत्ता की मांग की गई थी।
पत्नी की इस याचिका पर पति नितिन ने सभी लांछन को अस्वीकार कर दावा किया कि पत्नी की नौकरी लगने पर पति से हीनभावना रखती थी। उपेक्षापूर्ण व्यवहार करती थी। पति का परित्याग कर नौकरी करने कटनी जाती थी। प्रधान न्यायाधीश विजय सिंह कावछा, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय द्वारा पत्नी की विवाह.विच्छेद की याचिका निरस्त कर दी गई। प्रत्यर्थी पति की ओर से सत्येन्द्र सिंह अधिवक्ता तर्क पेश किया था।
