जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल के हड्डी विभाग में एक ऐसी महिला को अंग-भंग होने से बचा लिया गया है, जिसका हाथ मगरमच्छ के जबड़े में आ गया था। महिला के हाथ को काट देने की चिकित्सीय सलाह दी गई थी, लेकिन आखिरकार, चिकित्सकों की एक टीम ने तेंदुखेड़ा के झालौन गांव की ' संतोष रानी ' का हाथ कटने से बचा लिया।
ये था मामला
तेंदुखेड़ा तहसील के झालौन गांव का है। यहां की 48 वर्षीय संतोष रानी पर 15 जुलाई को मगरमच्छ ने अचानक हमला कर दिया। हमले में महिला के बाएं हाथ की कलाई पर गहरे घाव हो गए। गंभीर चोट के चलते हाथ की कलाई में दर्द, सूजन और फ्रैक्चर की स्थिति बन गई। कई दिनों तक उसका इलाज किया, लेकिन हालात में कोई सुधार नहीं हुआ। उल्टा यह कहा गया कि अगर महिला का हाथ काटा न गया तो संक्रमण जानलेवा साबित हो सकता है। ऐसे समय में जबलपुर मेडिकल कॉलेज का सहारा मिला।
किया सफल ऑपरेशन
मेडिकल के आर्थोपेडिक विभाग के प्रोफेसर डॉ अशोक विद्यार्थी और डॉ पवन बघेल ने पूरी टीम के साथ केस की गंभीरता को समझा। उन्होंने महिला को भरोसा दिलाया कि हाथ को बचाने की कोशिश की जाएगी। कई घंटे तक चले जटिल ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने न केवल फ्रैक्चर को दुरुस्त किया बल्कि घाव की सफाई और बोन सेटिंग करके हाथ को कार्यशील स्थिति में लाने में सफलता हासिल की।