फ्लाईओवर शुरू होते ही टहलने निकले लोग, सुबह से लेकर रात तक रही भीड़
जबलपुर। देख, देख। मौसा जी, का घर दिख रहा है, वो क्या मौसी तो छत पर है। तूने ये नहीं देखा, क्या... वो देख, तेरी ' उसका ' घर भी दिखाई दे रहा है। तू मजाक नहीं कर...। मैं मजाक नहीं कर रहा हूं, उसके घर के पास ही तो वो बड़ी बिल्डिंग है ! हां, भाई सही कह रहे हो। ऐसी चिटकोली हुई बातें... फ्लाईओवर पर घूमने आए लोग कर रहे थे। इस जगह पर ग्रुप में या फिर परिवार पहुंच रहे थे, जो इसे आयोजन के रूप में स्वीकार करते हुए प्रफुल्लित रहे।
शनिवार को फ्लाईओवर के लोकार्पण के बाद से ही लोगों की खासी भीड़ फ्लाईओवर को देखने में लगी हुई थी। बच्चे, बड़े-बूढ़े सभी आनंदित थे। लोगों को गर्व महसूस हो रहा था कि शहर को सुविधाजनक मार्ग मिल गया है। लोगों से मौके पर बातचीत की गई तो उनका कहना था कि पिछले सालों में इस निर्माण के पीछे उठाई परेशानी को हम भूल गए हैं। इसके निर्माण से हमारे भीतर नई उर्जा आ गई है। व्यस्तम मार्ग से काफी राहत मिल सकेगी।
दमोहनाका से मदनमहल तक भ्रमण
मौके पर देखा गया है कि मौज-मस्ती और उल्लासपूर्ण वातावरण में लोग बाइक, कार दौड़ाते हुए दमोहनाका से लेकर मदनमहल तक थे। वे कई बार चक्कर काट चुके थे लेकिन उसके बाद भी उनका मन नहीं भर रहा था।
केबल स्टे ब्रिज के पास जमावड़ा
फ्लाईओवर के केबल स्टे ब्रिज के पास लोगों का जमावड़ा हो रहा था। लोग सेल्फी लेने जुटे हुए थे, कोई कार की छत पर बैठकर फोटो ले रहा था, तो कुछ परिवार वाले ऐसे भी थे, जो घर से खाने-पीने का सामान लेकर आए थे, जो बच्चों को दे रहे थे।