रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है. जब रेपो रेट कम होता है, तो बैंकों के लिए कर्ज लेना सस्ता हो जाता है और वे ग्राहकों को कम ब्याज दर पर लोन दे पाते हैं. रेपो रेट में कटौती से होम और कार लोन जैसे ऋण सस्ते हो जाते हैं.
सर्वसम्मति से लिया फैसला
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने सर्वसम्मति से पॉलिसी रेपो रेट को अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है, जबकि इस वर्ष की शुरुआत में 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई थी. उन्होंने आगे कहा कि महंगाई में और वृद्धि होने की संभावना है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोर महंगाई 4 प्रतिशत के स्तर पर स्थिर बनी हुई है. वहीं, कई विकसित देशों में महंगाई बढ़ रही है. सामान्य से बेहतर दक्षिण-पश्चिम मानसून और अन्य अनुकूल परिस्थितियां आर्थिक वृद्धि को लगातार समर्थन दे रही हैं.
एफवाई26 के लिए महंगाई दर का अनुमान घटाया
आरबीआई ने महंगाई को लेकर अपने पूर्वानुमान में बदलाव किया है. पहले जहां एफवाई 26 में महंगाई दर 3.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था, वहीं अब इसे घटाकर 3.1 फीसदी कर दिया गया है. यह दर्शाता है कि देश में कीमतों में अपेक्षाकृत स्थिरता बनी रह सकती है, खासकर सामान्य से बेहतर मानसून और आपूर्ति में सुधार के चलते.