प्रदेश में खाली पड़़े 7 हजार ' असिस्टेंट प्रोफेसर ' के पद


जबलपुर।
प्रदेश में कॉलेज को धड़ाधड़ खोले जा रहे हैं लेकिन उनमे ंपढ़ाने के लिए गिने-चुने ही प्रोफेसर हैं। कॉलेजों में प्रोफेसरों के पद खाली पड़े हैं। एक रिपोर्ट में यह सामने आया है कि कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती नहीं होने से इसकी संख्या बढ़ती जा रही है। ताजी जानकारी के मुताबिक यह संख्या 7 हजार से अधिक हो गई है। इससे उच्च शिक्षा में गिरावट का यही बड़ा कारण सामने आ रहा है, जिससे छात्र-छात्राएं अन्य राज्यों की ओर कूच कर रहे हैं।

गौरतलब है कि तीन सालों में 16289 पद रिक्त रहें। इन पदों में भर्ती नहीं हो सकी। भर्ती हुई भी तो मात्र दिखावा रहा। इन पदों मं 3599 पदों पर ही प्राध्यापक पहुंच सके। 2022 में 3715 रिक्तियों के लिए महज 1669 पदों का ऑपफर निकला था, जो सिर्फ 44 फीसदी रहा। हालात 2024 में और बदतर हो गए। 7498 पद खाली थे, लेकिन भर्ती सिर्फ 1930 पदों की निकली थी। ऐसे हालात में सरकार की मंशा पर भी सवाल उठने लगे हैं कि कॉलेजों में प्राध्यापकों की भर्ती नहीं कर उच्च शिक्षा व्यवस्था को कौसे सुदृढ़ कर सकेंगे। उधर, कॉलेजों का ढांचा तैयार करके किस बात का दिखावा किया जा रहा है।

ग्रंथपाल के 346 पद भी खाली

प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में ग्रंथपाल के 582 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 236 भरे हुए हैं यानी 346 खाली हैं। यह पद आउटसोर्स एवं जनभागीदारी से नहीं भरे जाते हैं। अतिथि विद्वानों से इसकी पूर्ति की जा रही है।

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