स्पीड पोस्ट सेवा में हो जाएगी मर्ज
जबलपुर। देश में 171 साल पुरानी रजिस्टर्ड डाक सेवा अब समाप्त होने जा रही है । यह सेवा स्पीड पोस्ट में समाहित कर दी जाएगी, जिससे ट्रैकिंग, डिलीवरी और सुविधा में सुधार होगा। डाक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी पोस्टमास्टरों को 31 जुलाई तक जरूरी संशोधन करने के निर्देश दिए थे, जिससे यह बदलाव 1 सितंबर से प्रभावी हो सके। विभाग ने सभी सरकारी दफ्तरों, और अन्य संस्थानों को भी अपने संचार माध्यमों में बदलाव करने को कहा गया है। सभी सरकारी दफ्तरों, अदालतों और अन्य संस्थानों को भी अपने संचार माध्यमों में बदलाव करने को कहा गया है।
आपका जन्म यदि सन 70, 80 या 90 के दशक में हुआ है तो आपने डाकघरों में रजिस्ट्री चिट्ठी या रजिस्टर्ड पार्सल का रुतबा देखा होगा। रजिस्ट्री वाली चिट्ठी भेजने के लिए अलग से काउंटर होता था। डाकघर वाले उसके लिए आपको एक रसीद काट कर देते थे। उस चिट्ठी के डिलीवर होने पर आपको पावती या एकनॉलेजमेंट भी मिलता था। कुल मिला कर यह डाकघर की प्रीमियम सर्विस थी। इस सर्विस को डाक विभाग ने बंद करने का फैसला किया है।
1 सितंबर से बंद होगी सेवा
भारतीय डाक विभाग के एक परिपत्र के मुताबकि 1 सितंबरए 2025 से रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा बंद हो जाएगी। डाक विभाग स्पीड पोस्ट के साथ रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा को इंटीग्रेट करने की राह पर है। सरकार का दावा है कि ऐसा करने से काम करने का तरीका और भी आधुनिक हो जाएगा। यह सेवा अब स्पीड पोस्ट में मर्ज कर दी जाएगी। इसके बाद जरूरी दस्तावेज या पार्सल भेजने के लिए केवल स्पीड पोस्ट ही विकल्प रहेगा।
1854 में शुरू हुई थी सेवा
रजिस्टर्ड डाक सेवा की शुरुआत 1854 में ब्रिटिश शासन के दौरान लार्ड डलहौजी द्वारा की गई थी। इससे पहले 1766 में वारेन हेस्टिंग्स ने ईस्ट इंडिया कंपनी के अंतर्गत कंपनी मेल की शुरुआत की गई थी। रजिस्टर्ड डाक आम जनता के लिए एक भरोसेमंद और सस्ता विकल्प रहा है।