हालांकि उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से अधिक आयु के चाय जनजाति, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लोगों को अगले एक वर्ष तक आधार कार्ड मिलते रहेंगे। सरमा ने कहा कि आधार कार्ड जारी करने पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को नागरिकों की पहचान की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के प्रयासों का हिस्सा माना जा रहा है। यह कदम पिछले एक साल में बांग्लादेश से संभावित अवैध आव्रजन से जुड़ी चिंताओं को दूर करने पर सरकार के फोकस को दर्शाता है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने कहा था कि असम एक ऐसी नीति पर विचार कर रहा है जो जिला आयुक्तों को 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के आधार आवेदनों को स्वीकृत या अस्वीकृत करने का अधिकार देगी। इससे पहलेए उन्होंने कहा था कि अब वयस्कों को आधार कार्ड के लिए आवेदन करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि अधिकांश वयस्कों को पहले ही आधार कार्ड जारी किए जा चुके हैंए लेकिन केवल बच्चों और नवजात शिशुओं को ही आधार कार्ड दिए जाने हैं।