लखनऊ. उत्तर रेलवे के लखनऊ में सोमवार 14 जुलाई को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने अचानक छापेमारी की. सीबीआई की इस कार्रवाई रेलवे महकमे में हड़कंप मच गया. यह कार्रवाई गति शक्ति यूनिट में टेंडर प्रक्रिया में कथित वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत के आधार पर की गई. इस दौरान दफ्तर में महत्वपूर्ण दस्तावेजों की गहनता से जांच की गई. वहीं एक अधिकारी को हिरासत में लिए जाने की भी खबर है.
सूत्रों के मुताबिक छापेमारी के दौरान सीबीआई ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं और कार्यालय के कंप्यूटरों की हार्ड डिस्क की गहन जांच की जा रही है. सीबीआईकी एक विशेष टीम ने सुबह करीब 9 बजे उत्तर रेलवे मुख्यालय में प्रवेश किया और गति शक्ति यूनिट से जुड़े दस्तावेजों की पड़ताल शुरू की. इस दौरान कई वरिष्ठ अधिकारियों से गहन पूछताछ की गई.
शिकायत के बाद कार्रवाई
वहीं सूत्रों का कहना है कि एक अधिकारी को सीबीआई ने कार्यालय परिसर में ही हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. जानकारी के मुताबिक यह छापेमारी टेंडर आवंटन में कथित भ्रष्टाचार और वित्तीय गड़बड़ियों से संबंधित है. लगातार शिकायतें मिलने के बाद सीबीआई ने कार्यालय में छापा मारा, जिससे अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया.
कई अहम दस्तावेज जब्त
गति शक्ति यूनिट जो रेलवे के बुनियादी ढांचे और परियोजनाओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, में बड़े पैमाने पर टेंडर प्रक्रिया चल रही थी. शिकायतों में आरोप लगाया गया था कि टेंडर आवंटन में नियमों का उल्लंघन और धांधली की गई है. सीबीआई ने कार्यालय के विभिन्न विभागों से दस्तावेजों को अपने कब्जे में लिए हैं जिसमें टेंडर से संबंधित फाइलें, कॉन्ट्रैक्ट्स, और वित्तीय लेनदेन के रिकॉर्ड शामिल हैं. इसके अलावा, डिजिटल साक्ष्यों की जांच के लिए कंप्यूटर हार्ड डिस्क समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को भी स्कैन किया जा रहा है.