जबलपुर। मादक पदार्थ गांजा बेचने में पुलिस से बचने के लिए हवाला जैसा कारोबार किया जा रहा है। इसमें सप्लायर के द्वारा दिए गए क्यूआर कोड पर पेमेंट लेकर उसकी फोटो सप्लायर को भेज दी जाती थी। सप्लायर सेल्समेन के द्वारा भेजी फोटो के आधार पर उसे मेहनताना देता था। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर गांजा सप्लाई की इस चेन को ब्रेक करने में सफलता हासिल की है। इस धंधे में शामिल सेल्समेन को गांजा सहित गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस इस गिरोह के अन्य आरोपियों की छानबीन कर रही है।
ओमती थाना प्रभारी राजपाल सिंह बघेल ने बताया कि गुरूवार रात मुखबिर की सूचना पर गोलबाजार निवासी ऋषभ अहिरवार को स्कूटर क्रमांक एमपी 20 एसटी 6879 के साथ पकड़ा गया है। यह युवक रेल्वे पुल नम्बर 3 के पास गांजा बेच रहा था। मुखबिर के बताये स्थान पर पुलिस ने दबिश दी थी। रेल्वे पुल के पास बनी बाउण्ड्री के अंदर स्कूटर पर बैठे ऋषभ को पकड़ा था। स्कूटर की डिग्गी में 1 किलो 245 ग्राम गांजा मिला।
ऐसे होता था कारोबार
पुलिस पूछताछ में यह सामने आया कि आरोपी ऋषभ भरतीपुर में रहने वाले राजा सोनकर के कहने पर सेल्समेन का काम करता था। इसके लिए इसे रोजाना 500 रूपए दिहाड़ी मिलती थी। गांजा सप्लाई की चेन में गढ़ाफाटक निवासी धीरज पटेल उर्फ धीरू तक गांजे की खेप पहुंचती थी। यह गांजा ऋषभ को दिया जाता था। ऋषभ ने पुलिस को बताया कि जो ग्राहक आनलाईन पेमेंट करते थे, वो राजा सोनकर के द्वारा उसको दिये हुये क्यूआर कोड में पेमेंट लेता था। वह पैसे ट्रांसफर का फोटो क्लिक करके राजा सोनकर को व्हाटसएप पर सेंड करता था।