श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिए जाने पर सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि दुर्भाग्य से केंद्र शासित प्रदेश होने के नाते, राज्य की सुरक्षा हमारी जि़म्मेदारी नहीं है। हम चाहते हैं कि यह जि़म्मेदारी हमारी हो। हमारी सरकार को जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर की जि़म्मेदारी सौंपी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम केंद्र शासित प्रदेश नहीं बनना चाहते। हमें केंद्र शासित प्रदेश बनाना हमारे साथ बहुत बड़ा विश्वासघात था। केंद्र सरकार व भाजपा जम्मू-काश्मीर को फिर से राज्य बनाने का वादा कर रही हैं। इसमें अब देरी नहीं होनी चाहिए। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमें जल्द से जल्द राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए। राज्य की सुरक्षा की जि़म्मेदारी हमारी होनी चाहिए। कोलकाता में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मैं पश्चिम बंगाल के लोगों को जम्मू-कश्मीर के लिए उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं। खासकर जब हालात खराब रहे हैं। उन्होंने कहा कि अच्छे समय में दोस्तों की कमी नहीं होती, लेकिन दोस्ती का असली प्रतिबिंब मुश्किल समय में होता है। 90 के दशक में हमारे पर्यटन पुनरुद्धार की शुरुआत दो जगहों से हुई, गुजरात और पश्चिम बंगाल से। उन्होंने कहा कि आज हमने कोलकाता में टीटीएफ (टूर्स एंड ट्रैवल फ्रेटरनिटी) की उपस्थिति का लाभ उठाते हुए जम्मू-कश्मीर के टीटीएफ से एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल लाया, जिसका उद्देश्य पश्चिम बंगाल के लोगों को जम्मू-कश्मीर आने व इसकी सुंदरता और हमारे आतिथ्य का आनंद लेने के लिए आमंत्रित करना था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बिहार में मतदाता सूचियों की एसआईआर जारी रखने की चुनाव आयोग को अनुमति दिए जाने पर, अब्दुल्ला ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में था। अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। अब हमें नतीजों का इंतज़ार करना होगा। जो लोग अदालत गए थे, उन्हें इस मामले में अदालत से न्याय पाने के दूसरे रास्ते तलाशने चाहिए। मैं उन लोगों में से हूं जो सोचते हैं कि चुनाव होने चाहिए, चाहे कुछ भी हो। मैं इसमें नहीं पडऩा चाहता। मेरा मानना है कि लोगों को वोट देना चाहिए और अपनी सरकार चुननी चाहिए।