भारत में सस्ती होगी ये चीजें-
-यूके से आयात होने वाले सामानों पर औसत टैरिफ 15 से घटकर 3 प्रतिशत होगा। 85 प्रतिशत सामान 10 साल में पूरी तरह टैरिफ-मुक्त होंगे। इससे कई चीजें सस्ती होंगी।
-व्हिस्की और जिन,यूके से आयात होने वाली स्कॉच व्हिस्की व जिन पर भारत का टैरिफ 150 प्रतिशत से घटकर 75 प्रतिशत हो जाएगा। बाद में समझौते के दसवें साल तक इसे घटाकर 40 प्रतिशत कर दिया जाएगा। उदाहरण के लिए 5000 रुपए की स्कॉच बोतल 3500 रुपए में मिलेगी।
-लग्जरी कारें, यूके की कार जैसे जगुआर, लैंड रोवर, रोल्स-रॉयस पर टैरिफ 100 प्रतिशत से कोटा सिस्टम के तहत 10 प्रतिशत तक आ जाएगा। इससे ये कारें 20-30 प्रतिशत सस्ती हो सकती हैं।
-खाद्य-पेय पदार्थ, यूके से आयात होने वाले सैल्मन, लैंब, चॉकलेट, बिस्किट और सॉफ्ट ड्रिंक्स पर टैरिफ कम होगा। इससे ये उत्पाद सस्ते होंगे।
-कॉस्मेटिक्स व मेडिकल डिवाइस, यूके के कॉस्मेटिक्स, मेडिकल उपकरण और एयरोस्पेस पार्ट्स पर कम टैरिफ से ये सामान सस्ते होंगे। टैरिफ 15 से घटकर 3 प्रतिशत पर आ जाएगा।
-फैशन व कपड़े, ब्रिटेन से आने वाले ब्रांडेड कपड़े, फैशन प्रोडक्ट्स व होमवेयर भी सस्ते होंगे। वहीं फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स भी कम कीमत पर मिलेंगे।
इन सेक्टर को होगा फायदा-
यूके में भारतीय कपड़ों और होम टेक्सटाइल्स जैसे चादर, परदे पर 8.12 प्रतिशत टैक्स लगता था वो अब पूरी तरह खत्म हो जाएगा। इससे हमारे कपड़े बांग्लादेश व वियतनाम जैसे देशों के मुकाबले सस्ते व ज्यादा कॉम्पिटिटिव हो जाएंगे। तिरुप्पुर, सूरत व लुधियाना जैसे एक्सपोर्ट हब में अगले तीन साल में 40 प्रतिशत तक की ग्रोथ हो सकती है।
गहने और चमड़े का सामान-
भारत से यूके जाने वाली ज्वेलरी और चमड़े के सामान जैसे बैग, जूतों पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। इससे छोटे बिजनेस और लग्जरी ब्रांड्स को बड़ा फायदा होगा। साथ ही यूके के रास्ते यूरोप में भारत का दबदबा और बढ़ेगा।
इंजीनियरिंग सामान और ऑटो पार्ट्स-
यूके ने भारतीय मशीनरी, इंजीनियरिंग टूल्स व ऑटो पार्ट्स जैसे कार के पुर्जे पर लगने वाला इम्पोर्ट टैक्स खत्म कर दिया है। इससे भारत, यूके व यूरोप की इंडस्ट्रियल सप्लाई चेन और मजबूत होगी। पुणे, चेन्नई व गुडग़ांव जैसे मैन्युफैक्चरिंग हब को फायदा होगा।
दवाइयां और मेडिकल डिवाइस-
भारतीय फार्मा कंपनियों को यूके में जेनेरिक दवाइयों के लिए आसान रजिस्ट्रेशन प्रोसेस मिलेगी। इससे भारत की दवाइयां यूके की हेल्थ सर्विस में आसानी से पहुंचेंगी और दवाओं का अप्रूवल भी जल्दी मिलेगा।
खाने-पीने का सामानए चाय मसाले और समुद्री प्रोडक्ट्स-
बासमती चावल, झींगा जैसे समुद्री प्रोडक्ट, प्रीमियम चाय और मसालों पर यूके का इम्पोर्ट टैक्स खत्म हो जाएगा। इससे असम, गुजरात, केरल व पश्चिम बंगाल जैसे इलाकों की एक्सपोर्ट इंडस्ट्री को बड़ा बूस्ट मिलेगा।
केमिकल्स और स्पेशलिटी मटेरियल्स-
एग्रोकेमिकल्स, प्लास्टिक व स्पेशल केमिकल्स पर टैक्स कम होने से गुजरात और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख हब से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। इस डील के तहत भारत का लक्ष्य है कि 2030 तक यूके में अपने केमिकल निर्यात को दोगुना कर दे।
ग्रीन एनर्जी और क्लीनटेक-
ये समझौता रिन्यूएबल एनर्जी में जॉइंट वेंचर्स का रास्ता खोलेगाए जिसमें सोलरए ग्रीन हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक व्हीकल शामिल हैं। यूके भारत के क्लीन एनर्जी सेक्टर में और निवेश करेगा। जिससे नई टेक्नोलॉजीज का को-डेवलपमेंट होगा।