देश के 3 राज्यों में ठगी की वारदातें करने वाला जबलपुर का युवक गिरफ्तार, लेडी IPS अधिकारी बनकर करता था कॉल..!

 

जबलपुर। पाटन जबलपुर में रहने वाले युवक संकेत यादव को उत्तरप्रदेश की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। संकेत यादव ने तीन राज्यों में ठगी की वारदातों को अंजाम दिया है। संंकेत यादव स्वयं को लेडी IPS अधिकारी बताते हुए थानाप्रभारियों से फ ोन पर बात करता था। इसके बाद पुलिस को ग्राहक सेवा केन्द्र भेजकर रुपए वसूलता था। 

                                  लेडी IPS अधिकारी का नाम सुनते ही थानाप्रभारी तत्काल ग्राहक सेवा केन्द्र जाकर बात करा देते। वह ग्राहक सेवा केंद्र वालों से कहता था कि तुम्हें इस मामले में पुलिस अरेस्ट करेगी। अगर ऐसा नहीं चाहते हो तो एक क्यूआर कोड अपने स्टाफ के नंबर से भेज रही हूं। 10 हजार रुपए दे देना। ध्यान रहे अगर किसी से कहा तो सीधे जेल जाओगे। इस तरह से संकेत यादव ने राजस्थान, गुजरात सहित उत्तरप्रदेश में ठगी की घटनाएं की है। 

महाकाल मंदिर में साफ-सफाई करता रहा, यही पर अफसरों की बातें सुनता था- 

पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि उज्जैन में महाकाल मंदिर में साफ-सफाई का काम करने के दौरान वह अफसरों की बातें सुनता था। यहीं से उसने बातचीत के तौर-तरीके सीखे। फिर एक ग्राहक सेवा केंद्र पर काम किया तो पता चला कि वहां पर इलीगल पैसा ट्रांसफर होता है। बाद में जब काम की तलाश में यूपी पहुंचा तो एक दिन किसी से महिला की आवाज में बात की। उसे जरा भी भनक नहीं लगी। तभी दिमाग में ठगी का आइडिया आ गया। 

जबलपुर के पाटन क्षेत्र का है निवासी- 

पुलिस को पूछताछ में पता चला कि जबलपुर के पाटन स्थित थापक मोहल्ले में रहने वाले संकेत के पिता उमाशंकर दिव्यांग हैं। मां पाटन में छोटी सी चाय की दुकान चलाती हैं। उसने 15 साल की उम्र में घर छोड़ दिया था। वह 2021 में उज्जैन चला गया और महाकाल मंदिर में साफ-सफाई का काम करने लगा। जिस जगह वह काम करता था। वहां वीआईपी मूवमेंट के कारण पुलिस अक्सर तैनात रहती थी। इस दौरान उसने सीखा कि वरिष्ठ अधिकारियों से पुलिसकर्मी कैसे बात करते हैं।

6 माह पहले उज्जैन से जबलपुर आया था, फिर जॉब करने का कहकर गया-

करीब 3 साल तक मंदिर में काम करने के बाद उसने उज्जैन में ही ग्राहक सेवा केंद्र में काम करना शुरू कर दिया। यहां उसने देखा कि इन सेंटर पर लोगों के पैसे जमा किए जाते हैं। यहां अच्छी खासी रकम भी एकत्रित होती है। 6 माह पहले वह जबलपुर लौट गया। वहां उसका मन नहीं लगा तो जॉब करने की बात कहकर घर से निकल गया।

जनवरी 2024 में एमपी से यूपी चला गया

मध्यप्रदेश छोडऩे के बाद संकेत यादव ने जनवरी 2024 में उत्तर प्रदेश का रुख किया। राज्य के अलग-अलग जिलों में छोटा-मोटा काम करने लगा। लेकिन उसे कम समय में अधिक से अधिक पैसा कमाना था। एक बार इसने एक व्यक्ति को महिला बनकर कॉल किया सामने वाले को जरा भी अंदाजा नहीं हुआ कि जो उससे बात कर रहा है वह लड़का है। तभी से उसने ठगी शुरू कर दी। उसने महिला अधिकारी बनकर दूसरे जिलों के थाना प्रभारियों को फोन करना शुरू कर दिया।

वाट्सएप व ट्रू कॉलर पर लगाता था DP-

संकेत सबसे पहले गूगल पर जिले में पदस्थ महिला पुलिस अधिकारी की डिटेल्स पता करता था। फिर एक नई सिम खरीदता था और महिला अफसर का फोटो गूगल से निकालकर ट्रू कॉलर व वाट्सएप की डीपी में लगा लेता था। इसके बाद दूसरे जिले के एसएचओ व चौकी प्रभारी को कॉल करता। मोबाइल पर महिला आईपीएस अधिकारी की फोटो व ट्रू-कॉलर में नाम आने के बाद एसएचओ भी एसपी समझते थे। वह टीआई को निर्देश देता कि तुम्हारे थाना क्षेत्र में एक इस नाम का ग्राहक सेवा केंद्र चल रहा है। जहां पर इलीगल पैसों का ट्रांसफर किया जा रहा है। जाकर देखो और मेरी बात करवाओ। एसपी का आदेश मानकर एसएचओ उसके बताए ग्राहक सेवा केंद्र में जाकर फोन पर बात करवाता था।

25 जून को बदायूं जेल से छूटा था संकेत-

आरोपी संकेत यादव 8 माह की सजा काटने के बाद 25 जून 2025 को जेल से छूटा था। बदायूं पुलिस ने साइबर फ्रॉड के मामले में उसे गिरफ्तार किया था। जेल से छूटने के बाद संकेत ने बंदायू से कासगंज का रुख किया। उसे यह पता था कि वर्तमान में अभी इस जिले में एसपी अंकिता शर्मा है। बहुत ही आसानी से इनके नाम पर वह फ्रॉड कर सकता है। कासगंज एएसपी राजेश भारती ने बताया कि 8 जुलाई को सोशल मीडिया से पता चला कि एक व्यक्ति एसपी कासगंज अंकिता शर्मा की प्रोफाइल फोटो का इस्तेमाल कर लोगों से पैसे मांग रहा है। उनकी आवाज की नकल कर पुलिस अधिकारियों को भी धमकी दे रहा था। 

कासगंज रेलवे स्टेशन से किया गिरफ्तार-

साइबर थाना कासगंज में धारा 318 और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया और फिर 15 जुलाई को संकेत यादव को रेलवे स्टेशन कासगंज से गिरफ्तार किया जब वह यहां से भागने की फिराक में था। आरोपी इससे पहले कासगंज की पूर्व एसपी अपर्णा रजत कौशिक के नाम पर भी ठगी कर चुका है। संकेत यादव के कारनामे पता चलने पर अब मध्यप्रदेश पुलिस भी अलर्ट हो गई है। आशंका जताई जा रही हैए कि हो सकता है आरोपी ने मध्यप्रदेश में महिला अधिकारियों के नाम पर ठगी की हो।


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