कोटा. रेलवे के इन्जीनियरिंग विभाग में कार्यरत ट्रेकमेन्टेन्र एंव आर्टिजन, कार्य, ब्रिज, ट्रेक मशीन के समस्त स्टॉफ एंव सुपरवाईजर की मण्डल स्तरीय समस्याओं के निस्तारण में हो रहे अनावश्यक विलम्ब के खिलाफ कोटा मण्डल के समस्त टेªकमेन्टेनर कर्मचारी वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलॉईज यूनियन के बैनर तले आज 27 जून 2025 को मण्डल रेल प्रबन्धक कार्यालय तक रैली निकालकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।यूनियन के सहा.महामंत्री नरेश मालव ने बताया कि ट्रेकमेन्टेनर्स केडर के साथ प्रशासन के सौतेले व्यवहार एवं उनकी कार्यदशा में सुधार हेतु आवश्यक उपाय प्रशासन द्वारा नहीं करने से समस्त टेªकमेन्टेनर केडर में रोष व्याप्त है अपनी समस्याओं से इन कर्मचारियों द्वारा यूनियन को अवगत कराया गया था उसके पश्चात यूनियन ने मण्डल रेल प्रबन्धक कोटा एवं सम्बन्धित अधिकारियों को पत्र लिखकर ट्रेकमेन्टेनर्स कर्मचारियों की समस्याओं के निस्तारण की मांग की गई थी। लेकिन लगभग एक माह बीत जाने के उपरांत भी अभी तक एक भी समस्या का निस्तारण नहीं किया गया। जिससे कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है। अपनी समस्याओं की निस्तारण नहीं होने के विरोध में कोटा मण्डल के विभिन्न स्टेशनों एवं यूनियन में कार्यरत ट्रैकमैन कर्मचारियों ने वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलॉईज यूनियन कार्यालय में एकत्रित होकर वहाँ से महामंत्री कॉ.मुकेश गालव के नेतृत्व में रैली के रूप में मण्डल रेल प्रबन्धक कार्यालय पहुँचकर आम सभा कर विशाल प्रदर्शन किया।
महामंत्री श्री गालव ने उपस्थित ट्रेकमेन्टेनर्स को संबोधित करते हुये कहा कि कोटा मण्डल में इंजीनियरिंग विभाग में 10 प्रतिशत इन्टेक क्वोटे की वेकेन्सी 4 वर्ष के बाद जारी की गई जिसमे भी केवल टेªक मशीन हेतु 07 पदों पर नियुक्ति की गई तथा अन्य विभागां हेतु इन्टेक कोटा जारी नही किया गया। इसे तत्काल प्रभाव से जारी किया जाए। मण्डल के कई ट्रेकमेन्टेनर कर्मचारियों ने रेलवे बोर्ड की नीति अनुसार विभाग परिवर्तन के लिए आवेदन किया है। लेकिन प्रशासन द्वारा पिक एण्ड चूज करते हुए मनमाने तरीके से बाद में आवेदन करने वाले कर्मचारियों का विभाग परिवर्तन किया जा रहा है, एवं वर्षाे से आवेदन किये हुए कर्मचारियों का विभाग अभी तक नहीं बदला गया है। विभाग परिवर्तन में पारदर्शिता बरतते हुए आवेदन करने वाले कर्मचारियों का क्रमवार विभाग परिवर्तन किया जाए, सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुसार सभी पात्र ट्रेकमेन्टेनरों को साईकिल अनुरक्षण भत्ते का भुगतान अविलम्ब एरियर सहित किया जाए। कई डिपों में अभी तक भी नियमित भुगतान प्रारम्भ नही हुआ है। तथा एरियर कही भी नही दिया गया है। इसके लिए रेलवे बोर्ड के साथ मुख्यालय एवं मण्डल ने भी आदेश परिपत्रित कर दिये है, कोटा मण्डल के सभी सैक्शनों में डबल की-मैन लगाये जाए,कोटा-चित्तौड़ खण्ड के श्रीनगर-जालिंदी घाट सेक्शन में कोई भी गैंग हट या रेस्ट रूम नहीं है। जिससे ट्रेकमेन्टेनरों को कार्य करने में बहुत असुविधा होती है। सर्दी, गर्मी एवं बरसात में मौसम की विषमता के कारण बहुत परेशानी होती है। प्रत्येक दो-तीन किमी पर गैंगहट या रेस्ट रूम की व्यवस्था की जाए।
इसके अतिरिक्त मण्डल के सभी खण्डो में निर्धारित स्थान पर गैंगहट एवं रेस्ट रूम की व्यवस्था की जाए, ड्यूटी के बाद यदि किसी ट्रेकमेन्टेनर कर्मचारी को सीआरओ या एमआरओ या अन्य किसी कार्य के लिए बुलाया जा रहा है। तो इसे अतिरिक्त विश्राम दिया जाए, समस्त ट्रेकमेन्टेनर स्टाफ को अच्छी क्वालिटी के प्रोटेक्टिव गियर प्रतिवर्ष समय से प्रदान किये जाए एवं जो विगत वर्षा के ड्यू प्रोटेक्टिव गियर है उनकी राशि का भुगतान रेलवे बोर्ड के नियमानुसार अविलम्ब किया जाए, जिन यूनिटों में रहने लायक रेलवे आवास नहीं है। उन्हें तत्काल अबण्डेड कर कर्मचारियों को एचआरए का भुगतान किया जाए, रेलवे बोर्ड के नियमानुसार जिन गेटों पर रेलवे आवास 500 मीटर से अधिक है वहाँ गेटमैन को डबल रेस्ट दिया जाना तत्काल प्रारम्भ किया जाये इंजीनियरिंग मेनुअल काफी पुराना है। इसमें व्यापक सुधार की आवश्यकता है। इस बाबत् मण्डल से उपयुक्त प्रस्ताव बनाकर रेलवे बोर्ड भिजवाया जाए। सभी एलसी गेटों पर स्वच्छ पीने के पानी एवं शौचालय की व्याप्क व्यवस्था सुनिश्चित की जाए,डाढदेवी स्टेशन पर जाने के लिए कोई अप्रोच रोड़ नहीं है। यहाँ पर इंजीनियरिंग यूनिट न. 33 का मुख्यालय मी है। अतः डाढदेवी स्टेशन पर अप्रोच रोड़ का निर्माण किया जाए, स्थापना सम्बन्धित ज्यादातर कार्य एचआरएमएस के माध्यम से हो रहे है। लेकिन ट्रेकमेन्टेनर कर्मचारी ज्यादातर ट्रेक के समीप कार्य करते है एवं कई बार उन्हें नेटवर्क नहीं आने के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ता है एवं उनके कई कार्य पेंडिंग हो जाते है। साथ ही कोटा स्टेशन से दूर होने के कारण मण्डल रेल प्रबन्धक कार्यलय से सम्बन्धित उनके कार्य भी प्रभावित होते है। अतः इंजीनियरिंग की प्रत्येक वर्किंग बीट में साप्ताहिक रूप से कल्याण निरीक्षक को भेजा जाना सुनिश्चित किया जाए। जिससे उक्त समस्याओं का समाधान किया जा सकें, प्रत्येक एसएसई डिपो को वाहन उपलब्ध कराया जाए। जिससे सेक्शन में सभी जगह आर्टिजन कार्य हेतु स्टाफ एवं मशीनरी समय से पहुँच सकें, सभी ट्रेकमेन्टेनर्स को रेलवे बोर्ड की नीति के अनुसार ब्रांडेड वाटर बोटल की सप्लाई यथाशीघ्र सुनिश्चित की जाए, कसी भी यूनिट के कार्य क्षेत्र में चल रहे ठेकेदार के कार्य की सूची यूनिट के मेट को भी उपलब्ध कराई जाए, मण्डल में जेई/पीवे की रिक्त चल रही 33 पोस्टों को एलडीसीई के माध्यम से शीघ्र भरा जाए, ट्रेकमेन्टेनर के यूनिफार्म अलाउंस एवं रिस्क अलांउस की राशि बढाने का प्रस्ताव मण्डल द्वारा रेलवे बोर्ड को भेजा जाए, कोटा मण्डल में पेन्टर / कारपेन्टर /मेसन/वेल्डर सहित आर्टिजन के कई पद खाली पडे है इन्हें विभागीय भर्ती से शीघ्र भरे जाए। प्रशासन को बार बार अवगत कराने के बाद भी ट्रेकमेन्टेनरों को पुनः घटिया क्वालिटी के जूते, विनटर जाकेट, सेफ्टी जाकेट, रेन कोट, की सप्लाई की गई है। इन्हें तत्काल वापस लेकर नये उच्च क्वालिटी केे जूते, विनटर जाकेट, सेफ्टी जाकेट, रेन कोट सप्लाई किये जाये, मंडल में यूएसएफडी में ट्रेकमेन्टेनरों को पदस्थ करने की स्पष्ट नीति बनाई जाये ताकि किसी कर्मचारी के साथ भेदभाव ना हो। मंडल के सभी पेट्रोलमैन /चाबीवाले को रक्षक डिवाईज उपलब्ध कराई जाये, इन्जी. विभाग के सभी (सुपरवाईजर) जे.ई., एसएसई, के 08 घण्टे कार्य सुनिश्चित करें एंव साप्ताहिक रेस्ट सुनिश्चित किया जाये, इन्जी विभाग के सभी सेक्सनल इन्चार्ज जेई एसएसई के लिये कार्यालय की व्यवस्था की जायें। ट्रेक मशीन के कर्मचारियों को हार्ड एवं जोखिम भत्ता नहीं मिलता जबकि ट्रैक मशीन के कर्मचारी कठिन प्रस्थितियो में भी कार्य करते है, इन्जीनियरिग विभाग एंव ट्रेक मशीन के कर्मचारियों का समय समय पर हेल्थ चेकअप होना चाहिए क्योंकि यह कर्मचारी ट्रेक के मरम्मत का कार्य करते है और ट्रेक के गिट्टियों में अनेक तरह की जीवाणु रहते है जिनके अधिक समय तक संपर्क में रहने से इन कर्मचारियों को टीवी, केंसर , चर्म रोग अन्य बीमारी होने का खतरा मंडराता रहता । इन सभी कर्मचारीयो को सक्रमण भत्ता प्रदान किया जाए, ट्रेक मशीन के कर्मचारी लगातार ड्यूटी करते रहने से अपने परिवारजनों को समय नहीं दे पाते जिसके कारण कर्मचारी मानसिक तनाव में रहते हैं अतः ट्रेक मशीन विभाग में सभी मशीनों पर 21/7 रोस्टर लागू करवाया जाए, ट्रेक मशीन के कर्मचारियों को समय समय पर सेफ्टी शूज, रेन कोट, विंटर जाकेट इत्यादि मिलने चाहिए, ट्रेक मशीन विभाग के मशीनों का कार्य समाप्त होने के बाद समय पर केंपिक कोच साइडिंग में रखवाया जाय।, ट्रेक मशीन के कैंपिंग कोच साइडिंग उपयुक्त स्टेशन पर बनाया जाए जहां दैनिक जरूरत की चीजे आसानी से मिल सके, इलाज की सुविधा मिल सके, पानी एवम लाइट की सुविधा हो और मैन लाइन से दूर हो जिससे कर्मचारी आपने आराम के समय ट्रेन के आवाज, रेल पटरियों के कंपन और कैंपिंग कोच से बाहर निकलने से 130 स्पीड से आने वाली ट्रेनों से कोई खतरा ना हो। इन्जीनियरिग विभाग के समस्त सुपरवाईजरों पर नियमित कार्य का ही काफी दबाव रहता है। उन पर इसके साथ अतिरिक्त फूटप्लेटो का भी अनावश्यक कार्य दिया जा रहा है।जिससे वे तनाव ग्रस्त होतेे है। टेªकमेन्टेनर की 1900,2400,2800 की रिस्ट्रक्चरिग कर सभी पदो पर पदोन्नति दी जाए, कोटा मण्डल मे अधिकतर टेªक पर फेंसिग कार्य हो गया है। जिससे आवागमन मे परेशानी होती है। टेªक के दोनो ओर अप्रोच रोड बनाया जाएं,आम सभा को यूनियन के सहायक महामंत्री कॉमरेड नरेश मालव, जोनल उपाध्यक्ष हेमंत राठौर, सहा.मण्डल सचिव राजूलाल गुर्जर, राहुल मेवाड़ा, देवनारायण गूर्जर, सोनू मेघवाल, मनीष मीणा ने संबोधित किया। इस अवसर पर सहायक मंडल सचिव बी.एन.शर्मा, मनोज श्रीवास्तव, आई.डी.दुबे, बृजमोहन गूर्जर, हंसराज, सत्यनारायण, मो.आबिद, ओम, हरिओम, ज्ञान दिक्षित, ज्योति शर्मा, अल्पना शुक्ला, सुशमा राठौर, सलमा, नेहा गुप्ता, ममता मीणा, मानसी, राजकुमार, गोविन्द तांडी, सुरेन्द्र मीणा, जितेन्द्र सिंह, मस्तराम, प्रशांत, विजय, प्रवीण, आशिष कटारा सहित सैंकड़ो रेलकर्मचारी उपस्थित रहे। इसके पश्चात मंडल रेल प्रबंधक कोटा के नाम 33 सुत्रीय मांग पत्र को देकर इनके तत्काल निस्तारण करने की मांग की है।