जबलपुर/दमोह। मध्यप्रदेश के दमोह जिले के लिए आधार कार्ड बनाने के लिए जनरेट की गई दो आईडी से मध्यप्रदेश के जबलपुर सहित 19 से अधिक जिले व देश के 6 राज्य पश्चिम बंगाल, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और झारखंड में फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाए गए हैं। इस बात का खुलासा दो गोपनीय शिकायतों के बाद हुआ है। मामले में कलेक्टर सुधीर कोचर की रिपोर्ट पर कोतवाली थाना में एफआईआर दर्ज की गई है। लेकिन अभी तक इस मामले में पुलिस के हाथ खाली है।
खबर है कि कलेक्टर सुधीर कोचर को एक गोपनीय शिकायत मिली जिसमें बताया कि दमोह में आधार कार्ड बनाने वाली आईडी 29026 से भिंड में आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। कलेक्टर ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए भोपाल स्थित भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) से पत्राचार कर इस आईडी की जानकारी मांगी। ईमेल से प्राप्त रिपोर्ट में चौकाने वाले तथ्य सामने आए, इसमें बताया गया कि 29026 नाम की आधार आईडी से मध्य प्रदेश के भिंड, उज्जैन, देवास, इंदौर, छतरपुर, जबलपुर, पन्ना, सागर, कटनी, शाहजहांपुर (यूपी), धार, रायसेन, गुना, दतिया, पश्चिम निमाड़, छिंदवाड़ा, मुरैना, भोपाल और झाबुआ में आधार कार्ड बनाए गए हैं। इसके बाद फिर एक और शिकायत आई, जिसमें दमोह की दूसरी आईडी 29832 की रिपोर्ट में बताया गया कि इस आईडी से प्रदेश के जिलों के अलावा पश्चिम बंगाल के जिला उत्तर दिनाजपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, कूप, वेहर, मालदा, पुरुलिया बनकुरा, झारग्राम, नॉर्थ दिनाजपुर, कूच बिहार, दार्जिलिंग, मालदा, बिहार के कटिहार, माधेपुरा, सहरसा, पुरनिया, अररिया, खगरिया, किशनगंज, दिल्ली के दक्षिण-पश्चिम दिल्ली, राजस्थान के बीकानेर, हरियाणा के पानीपत और झारखंड के पूर्व सिंहभूम में भी दमोह की इसी आईडी से आधार कार्ड बनाए गए हैं। इस मामले में ई-गवर्नेस प्रभारी का कहना है कि यह पहला मौका नहीं है जब आधार आईडी हैक कर उनका दुरुपयोग किया गया है। प्रदेश में करीब एक हजार से ज्यादा ऐसे मामले सामने आ चुके है। ऐसी आती है तो यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया को शिकायत करते हैं। वे भी सॉफ्टवेयर अपडेट करके कहते हैं कि अब नहीं होगा। कुछ दिनों बाद फिर से आईडी हैक होने की शिकायतें मिलती हैं।
खबर है कि एक साल में दमोह जिले में भी ई-गवर्नेंस की द्वारा संचालित आधार आईडी के अलावा लोक सेवा केंद्र, महिला बाल विकास, पोस्ट ऑफिस व कई बैंक में भी कई आईडी हैक हुई हैं, जिसमें दूसरे जिलों का डेटा जनरेट किया गया है। दमोह की जिस आईडी से प्रदेश के दूसरे जिलों में आधार बनाए गए हैं। इस मामले में चिंताजनक बात यह है कि दमोह की आधार आईडी से एमपी के बाहर दूसरे राज्यों में आधार कार्ड बनाए गए है। इस तरह से आधार कार्ड बनने से बड़ा खतरा यह है कि कोई भी दूसरे देश का व्यक्ति अपनी आधार आईडी बनवाकर देश में कहीं भी गोपनीय तरीके से रह सकता है। आधार कार्ड बनाने के लिए हर जिले के लिए आईडी होती है, दमोह की आईडी से सिर्फ इस जिले के आधार कार्ड बनाए जा सकते है।