वाशिंगटन. मेडिकल साइंस ने एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) की रोकथाम के क्षेत्र में एक बड़ी सफलता हासिल की है। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने लेनाकैपाविर (Yeztugo) नामक एक ऐसे इंजेक्शन को मंजूरी दे दी है, जिसकी हर छह महीने में सिर्फ दो खुराक लेकर एचआईवी संक्रमण से बचाव किया जा सकता है। यह पहला ऐसा प्रि‑एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PrEP) इंजेक्शन है जो इतने लंबे समय तक सुरक्षा प्रदान करता है। इस इंजेक्शन पर पिछले 20 सालों से काम चल रहा था।
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि लेनाकैपाविर एचआईवी का इलाज नहीं है, बल्कि यह उन लोगों में संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद करेगा जो अभी तक इस वायरस के संपर्क में नहीं आए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, लेनाकैपाविर एक PrEP दवा है जो एचआईवी वायरस को शरीर में प्रवेश करने से रोकती है, लेकिन यह कोई वैक्सीन नहीं है क्योंकि यह वायरस से लड़ने की क्षमता नहीं रखती है।
इस इंजेक्शन को लेकर किए गए तीन प्रमुख क्लीनिकल ट्रायल के नतीजे बेहद उत्साहजनक रहे। इन परीक्षणों में पाया गया कि इंजेक्शन लेने से महिलाओं में संक्रमण का खतरा शून्य (100%) रहा, जबकि पुरुषों में यह दर केवल 0.1% देखी गई। इस शोध को प्रतिष्ठित न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित किया गया था। लेनाकैपाविर एक कैप्सिड इनहिबिटर है, जो एचआईवी वायरस के बाहरी आवरण (कैप्सिड) को कमजोर करके वायरस के शरीर में फैलने की प्रक्रिया को बाधित करता है।
इंजेक्शन की दो खुराकें त्वचा के नीचे दी जाती हैं, जिससे यह धीरे-धीरे रिलीज होता है और शरीर में छह महीने तक सक्रिय रहता है। इसके बाद संक्रमण से बचाव के लिए छह महीने बाद फिर से खुराक लेनी होती है। इस इंजेक्शन का लाभ उठाने के लिए हर छह महीने में एचआईवी निगेटिव टेस्ट करवाना आवश्यक है, जिसके बाद ही अगली खुराक दी जाती है।
यह इंजेक्शन उन एचआईवी नेगेटिव व्यक्तियों को लगाया जाएगा जिन्हें एचआईवी होने का खतरा है। इंजेक्शन लेने वाले व्यक्ति का वजन 35 किलोग्राम से अधिक होना चाहिए और उनमें एचआईवी का कोई लक्षण नहीं होना चाहिए। यदि कोई एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति इसे लगवाता है तो उसके शरीर को नुकसान हो सकता है और दवा प्रतिरोध का खतरा भी बढ़ सकता है।
पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि लेनाकैपाविर विज्ञान और सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि यह इंजेक्शन एचआईवी रोकथाम के तरीके में क्रांति ला सकता है, लेकिन इसका लाभ आम लोगों तक पहुंचाने के लिए इसे सस्ती दर पर उपलब्ध कराना जरूरी है। उन्होंने यह भी आगाह किया कि इस इंजेक्शन के आने से लोगों को एचआईवी के प्रति सतर्कता कम नहीं करनी चाहिए।