जबलपुर से निरीक्षण पर गये पमरे के CAO ने लापरवाही पर रेल इंजीनियरों की लगाई क्लास, कहा- रेलवे पर बोझ बने हो, मैं सस्पेंड करके ही छोडूंगा

राजगढ़. पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, कंस्ट्रक्शन (सीओसी) ने लापरवाही और आधी अधूरी जानकारी पर इंजीनियरिंग विभाग के अफसरों को जमकर फटकार लगाई। निरीक्षण पर जबलपुर से ब्यावरा पहुंचे सीओसी मोहम्मद हाशमी ने सबसे पहले ब्यावरा रेलवे स्टेशन पर अमृत भारत योजना के तहत 21 करोड़ रुपए की लागत से चल रहे कामों का जायजा लिया।


इस दौरान वे स्टेशन के एक व दो नंबर और तीन नंबर रेलवे लाइन के काम को देखने पहुंचे। स्टेशन के एक नंबर प्लेटफार्म पर सिग्नल सिस्टम और ओएचई के आड़े व टेढ़े लगे खंभों पर भी नाराजगी जताते शाजापुर के सहायक मंडल अभियंता अमर सिंह दांगी और आईओडब्ल्यू अनुराग गौरव को जमकर फटकार लगाई।

रामगंजमंडी-भोपाल की तीसरी लाइन कार्य के निरीक्षण में मिली खामियां

हाशमी ने ब्यावरा से करनवास की तरफ अजनार नदी तक चल रहे काम भी का जायजा लिया। उन्होंने रामगंजमंडी-भोपाल लाइन के लिए बिछाई जा रही तीसरी लाइन के स्टॉप पाइंट पर पहुंचकर दांगी से पूछा कि, यह कहां पर आएगा। इस पर ठीक से जानकारी नहीं होने से उन्होंने अजनार ब्रिज की तरफ करीब 150 मीटर पर इसका स्टॉप बता दिया। इस पर सीओसी ने कहा कि, आप और आईओडब्ल्यू दोनों जाइए और मुझे नापकर बताइए कि, इसका कहां पर स्टाप होगा। एडीईएन और आईओडब्ल्यू ने इंच टेप से नाप जोख की तो वह दूरी 30 मीटर ज्यादा निकली। इस पर हाशमी ने कहा कि, तुम्हें यह तक पता नहीं है कि यार्ड कहां तक बन रहा है। कैसे एडीईएन हो? बोझ बन गए हो, तुम लोग रेलवे पर। तुम्हें तो सस्पेंड करके ही छोडूंगा।

टारगेट से काफी पिछड़ा काम

ब्यावरा रेलवे स्टेशन पर चल रहे अमृत भारत योजना का काम 31 मार्च तक पूरा करने की समय सीमा निर्धारित थी। लेकिन इसमें काम पूरा नहीं हो सका है। यही वजह रही कि, बीते माह पीएम मोदी द्वारा शाजापुर सहित अन्य रेलवे स्टेशनों के किए गए लोकार्पण में ब्यावरा को शामिल नहीं हो पाया था। सूत्र बताते हैं कि, अभी तक भी करीब छह माह का लंबा वक्त और काम पूरा होने में लगेगा, तब कहीं जाकर ब्यावरा स्टेशन का लोकार्पण होने की उम्मीद है।

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