दुबई. ईरान और इजरायल के बीच चल रहा तनाव भयंकर रूप धारण कर चुका है। दोनों देशों के बीच हो रहे लगातार हमलों में कई मासूम लोगों की मौत हो चुकी है। मानवाधिकार समूह के अनुसार, इजरायल की एअर स्ट्राइक में कम से कम 950 ईरानी लोगों की मौत हुई है और तीन हजार से अधिक लोग घायल हैं।
वाशिंगटन आधारित मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने ईरान में मृतकों के आंकड़े पेश किए हैं। इस समूह की मानें तो ईरान पर हुए हमले में 380 से ज्यादा आम नागरिक और सेना के 253 से ज्यादा जवानों की मौत हुई है। बता दें कि मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव के बीच ईरान हर रोज मृतकों के आंकड़े साझा नहीं कर रहा है। शनिवार को ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि इजरायली हमलों में लगभग 400 ईरानी मारे गए हैं और 3,056 लोग घायल हैं। हालांकि, अमेरिका ने भी ईरान की कुछ जगहों पर बम बरसाए हैं। इनमें फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु ठिकानों का नाम शामिल है। अमेरिकी हमले के बाद ईरान ने बयान जारी करते हुए कहा था कि इस हमले में हमें काफी नुकसान हुआ है, लेकिन हमारे परमाणु हथियार पूरी तरह सुरक्षित हैं।
अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने पुष्टि की कि अमेरिकी सैन्य कार्रवाई में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह तबाह कर दिया है। इस बीच, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने संकेत दिया कि वॉशिंगटन अब भी तेहरान के साथ कूटनीतिक रास्ता अपनाना चाहता है। पेंटागन में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान हेगसेथ ने कहा, “हमने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को तबाह कर दिया है।” उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीधे आदेश पर चलाया गया और इसमें गोपनीयता और सटीक तैयारी का विशेष ध्यान रखा गया। उन्होंने कहा, “हमारे कमांडर-इन-चीफ का आदेश बिल्कुल स्पष्ट, शक्तिशाली और केंद्रित था।” इस सैन्य अभियान का नाम ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ रखा गया था। इसके तहत ईरान के तीन मुख्य परमाणु कार्यक्रम स्थलों को निशाना बनाया गया, जिनमें नतांज, इस्फहान और फोर्डो शामिल हैं। हेगसेथ के अनुसार, इस हमले में 125 से अधिक सैन्य विमान, बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स, 14 जीबीयू-57 बंकर-बस्टर बम और 30 से अधिक टॉमहॉक मिसाइलें इस्तेमाल की गईं।