फ्लोरिडा। भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला सहित चारों एस्ट्रोनॉट आज 26 जून को करीब 28 घंटे के सफर के बाद 4 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंच गए। पहले इनके पहुंचने का समय 4.30 बजे था। यानी समय से 30 मिनट पहले ये एस्ट्रोनॉट स्पेस स्टेशन पहुंचे हैं।
इससे पहले मिशन क्रू ने स्पेसक्राफ्ट से लाइव बातचीत की। इसमें शुभांशु ने कहा था कि नमस्कार फ्रॉम स्पेस! मैं अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ यहां होने के लिए बहुत एक्साइटेड हूं। उन्होंने कहा कि जब हमें वैक्यूम में लॉन्च किया गया। तब मैं बहुत अच्छा महसूस नहीं कर रहा था। मैं बहुत सोया हूं। यहां एक बच्चे की तरह सीख रहा हूं.. अंतरिक्ष में चलना व खाना कैसे है। एक्सियम मिशन 4 के तहत 25 जून को दोपहर करीब 12 बजे सभी एस्ट्रोनॉट आईएसएस के लिए रवाना हुए थे। ये मिशन तकनीकी खराबी व मौसमी दिक्कतों के कारण 6 बार टाला गया था। शुभांशु ने कहा कि नमस्ते फ्राम स्पेस! मैं अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ यहां आकर बहुत उत्साहित हूं। सच कहूं तो जब मैं कल लॉन्चपैड पर कैप्सूल में बैठा था। 30 दिन के क्वारंटाइन के बाद मैं बस यही चाहता था कि अब चल पड़ें। लेकिन जब यात्रा शुरू हुई तो ऐसा लगा जैसे आपको सीट में पीछे धकेला जा रहा हो। यह एक अद्भुत राइड थी। फिर अचानक सब कुछ शांत हो गया। आपने बेल्ट खोली व आप वैक्यूम की शांति में तैर रहे थे। मैं हर उस व्यक्ति को धन्यवाद देना चाहता हूं, जो इस यात्रा का हिस्सा रहा है। मैं समझता हूं कि यह कोई व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, यह आप सभी की सामूहिक उपलब्धि है। जो इस यात्रा का हिस्सा रहे हैं। मैं आप सभी को दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं। परिवार और दोस्तों को भी.. आपका समर्थन बहुत मायने रखता है। यह सब आप सभी की वजह से संभव हुआ है। हमने आपको जोय और ग्रेस दिखाए। यह हंस है एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रतीक। यह बहुत प्यारा लगता है, लेकिन हमारे भारतीय संस्कृति में हंस बुद्धिमत्ता का प्रतीक है। मुझे लगता है कि पोलैंड, हंगरी व भारत में भी इसका प्रतीकात्मक महत्व है। यह संयोग जैसा लग सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है। इसका इससे कहीं ज़्यादा अर्थ है। जब हम वैक्यूम में लॉन्च हुए तब मुझे बहुत अच्छा नहीं लग रहा था, लेकिन कल से मुझे बताया गया है कि मैं बहुत सोया हूं, जो एक अच्छा संकेत है। मुझे लगता है कि यह एक शानदार संकेत है। मैं इस माहौल में अच्छी तरह से ढल रहा हूं। दृश्यों का आनंद ले रहा हूं, पूरे अनुभव का आनंद ले रहा हूं। एक बच्चे की तरह सीख रहा हूं, नए कदमए चलना, खुद को नियंत्रित करना, खाना, सब कुछ। यह एक नया वातावरण है, नई चुनौती है, मैं अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ इस अनुभव का बहुत आनंद ले रहा हूं। गलतियां करना ठीक है, लेकिन किसी और को गलती करते देखना और भी बेहतर है। यहां ऊपर बहुत मजेदार समय रहा है। बस इतना ही कहना चाहता हूं। आप सभी को इसे संभव बनाने के लिए बहुत.बहुत धन्यवाद। मुझे यकीन है कि हम यहां बहुत अच्छा समय बिताएंगे।