रेलवे का रेनवाटर हारवेस्टिंग पर बड़ी मुहिम, 10 साल में स्मार्ट सिस्टम में 239 प्रतिशत का इजाफा

नई दिल्ली. देश में हर साल भारी मात्रा में बारिश का पानी बर्बाद हो जाता है. बारिश के पानी को संरक्षित करने की बात लंबे समय से होती है. हालांकि इस संबंध में काफी काम किया जाना बाकी है. भारतीय रेलवे भी इस मामले में काफी अलर्ट है और बारिश के पानी को बचाने के लिए अपने मुहिम में लगातार लगा हुआ है. पिछले 10 साल में इस मामले में स्मार्ट रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम लगाने के मामले में 239 फीसदी का इजाफा हुआ है.

रेलवे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ङ्ग पर रेल मंत्रालय की ओर से रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम लगाए जाने को लेकर बताया कि भारतीय रेलवे देशभर में अब तक 7426 स्मार्ट रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम लगा चुका है और इस मामले में वह अपने मकसद में लगातार बना हुआ है. इस सिस्टम के जरिए रेलवे देश भर के कई हिस्सों में जल संरक्षण का काम करवा रहा है.

स्मार्ट रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम के जरिए रेलवे ने पिछले 10 सालों मे काफी तरक्की की है. रेलवे के मुताबिक, 2004 से 2014 के दौरान देशभर में 2192 स्मार्ट रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम लगाए गए थे, लेकिन नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इस सिस्टम को लगाने में तेजी आई. 2014 से लेकर 2024 तक इसमें 239 फीसदी का इजाफा हुआ और अब तक 7426 सिस्टम लगाए जा चुके हैं.

हावड़ा स्टेशन पर खास तरीके से पानी का संरक्षण

रेलवे की कोशिश बारिश के पानी को बर्बाद करने की जगह संरक्षित करने की है. पिछले साल पूर्वी रेलवे ने अत्याधुनिक तरीके से बारिश के पानी को बचाने के मामले में बड़ी कामयाबी हासिल की. पूर्वी रेलवे का हावड़ा स्टेशन हर साल करीब 97,524.54 घन मीटर बारिश का पानी एकत्र करता है और इसका फिर से उपयोग भी करता है.

बारिश के पानी को एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट प्लांट में निपटान टैंक में ले जाया जाता है. फिर इसके पूर्ण उपचार के बाद, स्टेशन की धुलाई, ट्रैक और स्टेशन के एप्रन की धुलाई के लिए फिर से इस्तेमाल में लाया जाता है. यहां धुलाई और सफाई के लिए ताजे पानी का उपयोग नहीं किया जाता है.

गुंटकल स्टेशन पर उल्टा छाता

इसी तरह 2019 में दक्षिण मध्य रेलवे जोन ने गुंटकल रेलवे स्टेशन के बारिश के पानी को संरक्षित करने के लिए अपने क्षेत्र में उल्टा छाता लगाया. इन छातों के लगाने का मकसद स्थान का उपयोग करने के साथ ही मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग, बैठने की व्यवस्था करने के साथ ही सौर, नवीकरणीय ऊर्जा का इस्तेमाल करना भी है. गुंटकल स्टेशन आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में पड़ता है. गुंटकल रेलवे स्टेशन पर तब छह उल्टा छाता लगाए गए थे ये जो उल्टे छातों जैसे ही हैं और इनके ऊपर सौर पैनल लगे हैं. एक उल्टा छाता में सालभर में करीब 60 हजार लीटर कलेक्ट किया जा सकता है.

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