केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जमालपुर लोकोमोटिव वर्कशॉप में वैगन पीओएच क्षमता वृद्धि की परियोजना की आधारशिला रखी
केंद्रीय पंचायती राज, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह तथा बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं विजय कुमार सिन्हा उपस्थित रहे
जबलपुर। माननीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बिहार के दौरे पर पटना पहुंचे जहां उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की तथा बिहार में रेलवे से जुड़ी परियोजनाओं पर चर्चा की । रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पटना से जमालपुर के बीच विंडो ट्रेलिंग निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। इस अवसर पर केंद्रीय पंचायती राज, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी तथा विजय कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे।
केंद्रीय रेलमंत्री ने 30 करोड़ रुपये की लागत से जमालपुर स्टेशन पर चल रहे पुनर्विकास कार्यों का जयाजा लिया एवं अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए । जमालपुर वर्कशॉप के साथ वैगन निर्माण शॉप और क्रेन शॉप का निरीक्षण किया तथा जमालपुर वर्कशॉप के उन्नयन के लिए 78.96 करोड़ रुपये के रूप में एक और सौगात देते हुए जमालपुर वर्कशॉप में वैगन पीओएच क्षमता वृद्धि परियोजना की आधारशिला रखी। वैगन निर्माण वर्कशॉप में रेल मंत्री ने जमालपुर वर्कशॉप में निर्मित बॉक्सएन वैगन, बीएलसीएस वैगन तथा शौचालय युक्त ब्रेक वैन के निर्माण का निरीक्षण किया। केंद्रीय रेल मंत्री ने इंडियन रेलवे इंस्टीच्यूट आफ मैकेनिकल एंड इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग (IRIMEE) जमालपुर का दौरा किया, जहां उन्होंने वेल्डिंग, न्यूमेटिक्स, हाइड्रोलिक्स तथा मेक्ट्रोनिक्स जैसी इंजीनियरिंग की विभिन्न शाखाओं पर विस्तृत विकास योजना वाली ‘‘सेंटर आफ एक्सीलेंस‘‘ नामक पुस्तिका का विमोचन किया। केंद्रीय रेलमंत्री ने बताया कि
वर्ष 2009 से 2014 के मध्य बिहार में रेलवे के विकास के लिए प्रतिवर्ष औसतन 1,132 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे जिसे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में बढ़ाकर इस वर्ष 10 हजार 66 करोड़ रूपये कर दिया गया है, जो कि पिछली सरकार की तुलना में 09 गुना ज्यादा है। बिहार में जहां 2009-14 के मध्य औसतन प्रतिवर्ष 64 किमी नई लाइन का निर्माण होता था वहीं 2014 से 2024 के मध्य औसतन प्रतिवर्ष 167 किमी नई लाइन का निर्माण हुआ है जो लगभग 2.5 गुणा ज्यादा है । इसी तरह बिहार में जहां 2009-14 के मध्य औसतन प्रतिवर्ष 30 किमी रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण होता था वहीं 2014 से 2024 के मध्य औसतन प्रतिवर्ष 275 किमी रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण हुआ है जो लगभग 09 गुणा ज्यादा है । बिहार में 2014 से 1832 किमी नई लाईन का निर्माण किया जा चुका है जो लगभग मलेशिया के कुल रेल नेटवर्क के बराबर है । इसके साथ ही बिहार में 2014 से 3020 किमी रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण किया जा चुका है तथा बिहार में रेलवे का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है । इन सभी प्रयासों से बिहार के सामाजिक-आर्थिक स्थिति समृद्ध होगी ।