न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई बने भारत के नए सीजेआई, राष्ट्रपति मुर्मू ने दिलाई शपथ


नई दिल्ली.
न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई ने आज, बुधवार को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक गरिमामय समारोह में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

जस्टिस गवई ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का स्थान लिया है, जो मंगलवार, 13 मई को सेवानिवृत्त हुए थे। जस्टिस गवई का कार्यकाल लगभग छह महीने का होगा। वह आगामी 23 दिसंबर, 2025 को सेवानिवृत्त होंगे।

इससे पहले, गत माह की 30 तारीख को केंद्रीय कानून मंत्रालय ने न्यायमूर्ति गवई की भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति संबंधी आधिकारिक अधिसूचना जारी की थी। निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना ने 16 अप्रैल को परंपरा के अनुसार, अपने उत्तराधिकारी के तौर पर केंद्र सरकार से जस्टिस गवई के नाम की सिफारिश की थी।

उच्च न्यायपालिका में यह परंपरा रही है कि वर्तमान मुख्य न्यायाधीश अपने सेवानिवृत्त होने से पहले सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश के नाम की सिफारिश अपने उत्तराधिकारी के रूप में करते हैं। जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई वरिष्ठता क्रम में सबसे आगे थे, जिसके चलते उनके नाम की सिफारिश की गई। केंद्रीय कानून मंत्रालय ने भी आधिकारिक तौर पर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस खन्ना से उनके उत्तराधिकारी का नाम सुझाने का अनुरोध किया था।

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