आपरेशन सिंदूर : एमपी के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाया जाएगा, पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग

भोपाल. भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान पर की गई बड़ी कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर को अब स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग मध्यप्रदेश में भी जोर पकड़ रही है. खास बात यह है कि इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस, दोनों के नेता एकमत नजर आ रहे हैं.

दरअसल, हाल ही में उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को अपने मदरसों के सिलेबस में शामिल करने का ऐलान किया था. इसके बाद मध्यप्रदेश में भी नेताओं ने राज्य सरकार से यही मांग की है.

क्या है ऑपरेशन सिंदूर?

7 मई को भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को सिर्फ 30 मिनट में तबाह कर दिया था. यह कार्रवाई पहलगाम नरसंहार का बदला लेने के लिए की गई थी. इस ऑपरेशन को देश की एक ऐतिहासिक सैन्य सफलता माना जा रहा है.


बीजेपी नेता बोले- आने वाली पीढिय़ों को जानना चाहिए


बीजेपी विधायक रमेश्वर शर्मा ने कहा कि यह ऑपरेशन भारतीय सेना की वीरता का प्रतीक है और इससे हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा हो गया. हमारी आने वाली पीढिय़ों को यह जानना जरूरी है कि देश की रक्षा के लिए हमारी सेना ने क्या-क्या किया है. इसलिए इसे स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए, उन्होंने कहा.

कांग्रेस नेता भी दिखे सहमत

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने भी इस पर सहमति जताई और कहा कि जिस तरह से पूरा देश एकजुट होकर इस कार्रवाई के साथ खड़ा हुआ, वैसी एकता स्वतंत्रता संग्राम के समय ही देखी गई थी. उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार ऑपरेशन सिंदूर को पाठ्यक्रम में शामिल करती है, तो उन्हें खुशी होगी. हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि बीजेपी को कर्नल सोफिया कुरैशी के योगदान पर चुप्पी नहीं साधनी चाहिए, और उनके बारे में भी बच्चों को जानकारी दी जानी चाहिए.

उत्तराखंड ने कर दी शुरुआत

उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि मदरसों के बच्चों को ऑपरेशन सिंदूर और अन्य सैन्य अभियानों की जानकारी दी जाएगी, जिससे उनमें देशभक्ति की भावना पैदा हो. उन्होंने कहा, उत्तराखंड वीरों की धरती है, और यहां के बच्चों को देश की सेना की बहादुरी की कहानियां जाननी ही चाहिए.

ऑपरेशन सिंदूर को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग अब धीरे-धीरे पूरे देश में उठने लगी है. इससे न केवल बच्चों को देश की सुरक्षा और सेना की वीरता के बारे में जानकारी मिलेगी, बल्कि उनमें देश के प्रति गर्व और देशभक्ति की भावना भी मजबूत होगी.

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