नई दिल्ली: प्रयागराज जाने वाली ट्रेन पकड़ने के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात उमड़ी भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 से अधिक यात्री घायल हो गए। रेलवे प्रशासन ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
शनिवार-रविवार की छुट्टी के कारण महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ स्टेशन पर पहुंची, जिससे स्थिति बेकाबू हो गई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनाती न होने के चलते भगदड़ मच गई। चश्मदीदों के मुताबिक, लोग एक-दूसरे पर चढ़ने लगे और अफरा-तफरी मच गई।
अस्पताल में भर्ती, मृतकों में महिलाएं और बच्चे शामिल
लोकनायक अस्पताल की आपातकालीन विभाग की प्रमुख डॉ. ऋतु सक्सेना ने 15 लोगों की मौत की पुष्टि की है, जिनमें 11 महिलाएं और 3 बच्चे शामिल हैं। दो अन्य की मौत लेडी हार्डिंग अस्पताल में हुई। घायलों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में जारी है।
रेल मंत्री ने जताया शोक, एनडीआरएफ की टीम राहत कार्य में जुटी
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि प्रभावितों की हरसंभव मदद की जा रही है। एनडीआरएफ की टीम भी राहत कार्यों में जुटी है।
कैसे हुआ हादसा? चश्मदीदों की जुबानी
दमकल विभाग के निदेशक अतुल गर्ग के अनुसार, रात 9:55 बजे प्लेटफॉर्म नंबर 14-15 पर भगदड़ की सूचना मिली। तत्काल चार दमकल गाड़ियां और राहत दल को रवाना किया गया।
स्टेशन पर मौजूद एक यात्री ने बताया कि प्लेटफॉर्म नंबर 12 पर शिवगंगा एक्सप्रेस थी, लेकिन उसके रवाना होते ही पूरी भीड़ प्लेटफॉर्म 14-15 पर उमड़ पड़ी। प्रयागराज की ज्यादातर ट्रेनें यहीं से गुजर रही थीं, जिससे ओवरब्रिज और एस्केलेटर पर भीड़ बढ़ गई।
"परिवार बिछड़ गया, सब खत्म हो गया" – पीड़ितों की व्यथा
बिहार के राजकुमार माझी ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ नवादा जा रहे थे। इस भगदड़ में उनकी पत्नी शांति देवी और बेटी पूजा की मौत हो गई, जबकि बेटा अभी लापता है। पटना के पप्पू कुमार ने बताया कि हादसे में उन्होंने अपनी मां को खो दिया।
क्या बोले रेलवे अधिकारी?
रेलवे प्रशासन ने बताया कि प्लेटफॉर्म नंबर-14 पर प्रयागराज एक्सप्रेस खड़ी थी, जहां भीड़ नियंत्रित नहीं हो पाई। स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस भी देरी से चल रही थीं, जिससे यात्री प्लेटफॉर्म 12, 13 और 14 पर जमा हो गए।
सीढ़ियों पर गिरे लोग, कई घायल
एक यात्री ने बताया, "भगदड़ के दौरान लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर रहे थे। सीढ़ियों से नीचे गिरने के कारण कई लोग घायल हो गए।"
जांच और सुरक्षा इंतजामों पर सवाल
इस दर्दनाक हादसे ने रेलवे प्रशासन और सुरक्षा इंतजामों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती क्यों नहीं थी? क्या रेलवे को पहले से यात्रियों की संख्या का अनुमान नहीं था?
रेलवे बोर्ड ने इस हादसे की विस्तृत जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति का गठन कर दिया है। रिपोर्ट आने के बाद ही जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी।