भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा आज सोमवार को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से नेविगेशन सैटेलाइट NVS-01 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इस सैटेलाइट से भारत का नेविगेशन सिस्टम और मजबूत होगा। साथ ही नाविक सैटेलाइट्स से हमारी सेनाओं को दुश्मनों के ठिकानों की सटीक जानकारी मिलेगी। इलके अलावा, नेविगेशन सर्विस भी मजबूत होगी। इसरो प्रमुख डॉ. एस सोमनाथ के मुताबिक भारत के पास 7 नाविक सैटेलाइट्स थे। जिनमें से 4 ही काम कर रहे हैं और वहीं 3 खराब हो चुके हैं। अगर हम तीनों को बदलते तब तक ये 4 भी बेकार हो जाते। इसलिए हमने 5 नेक्स्ट जेनरेशन नाविक सैटेलाइट्स एनवीएस को छोड़ने की तैयारी की। जिनमंे से NVS-01 एक है।
सुबह 10ः42 बजे रॉकेट ने भरी उडान
श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से आज सोमवार सुबह 10ः42 बजे जीएसएलवी ने उड़ान भरी। लॉन्च के लगभग ब 18 मिनट बाद रॉकेट से पेलोड अलग हो गया।
बढती आवश्यकताओं को देखते हुए डेवलप किया सिस्टम
यह सिस्टल देश में सिविल एविएशन सेक्टर की बढ़ती आवश्यकताओं को देखते हुए डेवलप किया गया है। ये नेटवर्क भारत और उसकी सीमा से लगभग 15 सौ किमी तक के क्षेत्र को कवर करता है। इसका इस्तेमाल टेरेस्टियल, एरियल और मरीन ट्रांसपोर्टेशन, लोकेशन बेस्ड सर्विसेज, पर्सनल मोबिलिटी, रिसोर्स मॉनिटरिंग और साइंटिफिक रिसर्च के लिए किया जाता है। ठसके अलावा नाविक की पोजीशन एक्यूरेसी सामान्य यूजर्स के लिए 5-20 मीटर और सैन्य उपयोग के लिए 0.5 मीटर है। इसकी मदद से एनिमी टारगेट पर ज्यादा एक्यूरेसी से अटैक किया जा सकता है। वहीं ये एयरक्राफ्ट और शिप के साथ रोड पर चलने वाले यात्रियों की मदद करता है। गूगल की तरह विजुअल और वॉइस नेविगेशन फीचर भी इसमें मिलते हैं।