जबलपुर। रक्षा मंत्रालय द्वारा केंट बोर्ड के चुनाव रद्द करने के आदेश के बाद आज पूर्व कैन्ट बोर्ड उपाध्यक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक चौकसे (चिन्टू) द्वारा पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया. जिसमे उन्होंने बताया कि 24000 मतदाताओं बंगला बगीचा एवं करौंदी बस्ती की लड़ाई केंट कांग्रेस लड़ रही थी. जिसके चलते आज रक्षा मंत्रालय के आदेश के बाद केन्ट कांग्रेस की जीत हुई है । श्री चौकसे ने बताया की छावनी परिषद की वोटर लिस्ट से हजारो नाम काटने के चलते केंट कांग्रेस परिवार एवं समस्त कांग्रेस पार्षदों के नेतृत्व में विशाल उग्र आंदोलन 6 मार्च को किया गया था. जिसमें यह मांग रखी गई थी कि 24000 मतदाताओं के नामो को ही जोड़कर छावनी में चुनाव कराए जाएं। इसका परिणाम यह हुआ की जबलपुर में हुए शंखनाद की आग भारतवर्ष के 62 छावनियों में लगी जिसके परिणाम स्वरूप रक्षा मंत्री ने निर्णय लेते हुए 57 छावनी परिषदों के चुनाव को रद्द कर दिया है । पत्रकार वार्ता में कांग्रेस नेता चिंटू चौकसे ने आगे बताया की छावनी के करीब 35 बगीचे, करौंदी बस्ती एवं बंगलो वाला क्षेत्र 150 एकड़ भूमि पर बना हुआ था जहाँ हजारों मतदाता निवास कर रहें हैं। इसके साथ ही वार्ड क्रमांक 7 करौदी में भी करीब 5 हजार वोटर पिछले कई सालों से निवास कर रहे हैं। इन सभी जगहों पर केंट क्षेत्र के करीब 24 हजार मतदाता अभी निवासी कर रहे है.
बंगले, बगीचे एवं करौंदी बस्ती के निवासियों को दिए जाये जमीनी अधिकार
केन्ट कांग्रेस ने मांग कि है की तिलहरी भटोली में 350 एकड़ प्रदेश सरकार की जो भूमि है जिसे आर्मी उपयोग कर रही है और जो छावनी क्षेत्र बंगले, बगीचे एवं करौंदी बस्ती, जो लगभग 150 एकड़ में बसी है इसकी अदला बदली कर बंगले, बगीचे एवं करौंदी बस्ती के निवासियों को जमीनी अधिकार दिए जाएं। केन्ट इलेक्ट्रोल रूल 10 सी संशोधन कर के घर की जगह सामान्य घर किया जाए जिसमें केन्ट छावनी के बंगले, बगीचे एवं करौंदी बस्ती के मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट में जोड़े जाएं। कैन्ट कांग्रेस की मांग है कि यदि बाजार एरिये को नगर निगम में शामिल किया जाता है तो साथ हीं बगीचे करौंदी एवं बंगले एरियों को भी शामिल किया जाए। यदि सरकार की मंशा यह है कि बगीचे करौंदी एवं बंगले एरियों को खाली कराकर अडानी एवं अम्बानी को बेचती है तो केन्ट कांग्रेस ऐसा कभी होने नहीं देगी और इसका समस्त छावनी क्षेत्र के नागरिकों के साथ इसका घोर विरोध एवं उग्र आंदोलन करेगी।