सरकार ने दिवाली से पहले कर्मचारियों दिया को बड़ा झटका, ओपीएस पर लिया यूटर्न

 
जयपुर।
राजस्थान सरकार ने दिवाली से ठीक पहले बोर्ड, निगम, राजकीय उपक्रम, स्वायत्तशासी संस्थाओं व विश्वविद्यालयों में कार्यरत व सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन में लागू पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को वापस लेने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने इन संस्थाओं में ओपीएस की जगह फिर नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस), सीपीएफ व ईपीएफ व्यवस्था लागू करने का रास्ता खोल दिया।

वित्त विभाग ने आदेश में कहा है कि जो बोर्ड, निगम, विश्वविद्यालय, राजकीय उपक्रम सहित स्वायत्तशासी संस्थाएं कमजोर वित्तीय स्थिति के कारण पेंशन दायित्व निभाने में सक्षम नहीं हैं, वे जीपीएफ लिंक्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) लागू नहीं करने का निर्णय लेकर पीडी खाते में जमा राशि कर्मचारियों को ब्याज सहित लौटा दें।

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 20 अप्रेल 2023 को जारी अधिसूचना के तहत जीपीएफ लिंक्ड पेंशन स्कीम लागू करने का निर्णय लिया। वित्त विभाग ने 6 जून 2025 को ओपीएस की स्वीकृति और कर्मचारियों से विकल्प लेने के बावजूद इसे लागू नहीं करने वाले बोर्ड, निगमों व स्वायत्तशासी संस्थाओं के संबंध मेें आदेश जारी किया था कि जहां ओपीएस लागू करने का निर्णय हो चुका, वहां पैसा नहीं लौटाया जाए। वित्त विभाग ने अब इसी आदेश की निरंतरता में नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें कहा है कि यदि किसी संस्था की वित्तीय स्थिति कमजोर है और उसके पास पर्याप्त पेंशन निधि नहीं है तो वह ओपीएस लागू नहीं करने का निर्णय ले सकती है।

पीडी खाते में जमा राशि को लेकर कहा

आदेश में कहा कि ओपीएस लागू नहीं करने का निर्णय किए जाने पर संबंधित संस्था कर्मचारियों या पेंशनरों से लिए गए नियोक्ता अंशदान की पूरी राशि पीडी खाते में अर्जित ब्याज सहित संबंधित कर्मचारी या पेंशनर को लौटाए। वित्त विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि जीपीएफ लिंक्ड पेंशन स्कीम लागू नहीं किए जाने पर पूर्व में चल रही पेंशन योजना जैसे सीपीएफ, ईपीएफ या एनपीएस को पुन: लागू करना होगा।

केन्द्र में यूपीएस

राजस्थान सहित कई राज्यों में ओपीएस लागू होने के बाद केन्द्र सरकार ने एनपीएस की कमियां दूर करने के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू की। इसमें कर्मचारियों को ओपीएस जैसे ही कुछ प्रावधानों का लाभदेने की व्यवस्था है।

एनपीएस की राशि को लेकर चला विवाद

राज्य कर्मचारियों के लिए ओपीएस लागू किए जाने के बाद पीएफआरडीए में जमा एनपीएस की राशि लौटाने को लेकर राज्य व केन्द्र सरकार के बीच लंबा विवाद चला। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कई अर्थशास्त्रियों ने ओपीएस लागू किए जाने पर सवाल उठाए।


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