भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने बिजली चोरी पर अंकुश लगाने और बकायादारों से वसूली के लिए बिजली थाने खोलने का फैसला लिया है। ये थाने गुजरात मॉडल पर बनाए जा रहे हैं। इसमें पहले चरण में बिजली विभाग की ओर से जबलपुर, इंदौर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर और रीवा में एक-एक बिजली थाने खोले जाएंगे। पहला थाना इंदौर के पोलोग्राउंड मुख्यालय और दूसरा थाना उज्जैन के ज्योतिनगर मुख्यालय में बनाया जाएगा। इसके लिए स्थान चिन्हित कर लिए गए हैं। थानों में मौजूद पुलिस का काम बिजली चोरी, केबल चोरी, कर्मचारियों के साथ मारपीट समेत अन्य घटनाओं पर मामले की जांच कर एफआईआर दर्ज करके केस डायरी भी तैयार करेगी। गौरतलब है कि बिजली थाने खोलने का मुख्य उद्देश्य बिजली चोरी को रोकना और बिल वसूली करना है। बिजली थाने के प्रस्ताव पर सीएम डॉ मोहन यादव ने पिछले महीने ही समीक्षा बैठक में मंजूरी दे दी थी। गुजरात मॉडल की तर्ज पर एमपी में बिजली थाने खोलने के लिए साल 2021 में भी प्रस्ताव तैयार हुआ था। तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दो बार सभी जिलों में थाने खोलने का प्रयास किया, लेकिन आपत्ति के बाद प्रस्ताव रद्द करना पड़ा था।
ऐसे रहेंगे थाने : बिजली थाने को तैयार करने में लगभग 25-30 लाख रुपए का खर्च आएगा। थाने में 10 लोगों का स्टाफ होगा। जिसमें एक टीआई, दो एएसआई, 5 पुलिसकर्मी, 1 कंप्यूटर ऑपरेटर और एक सहायक उप निरीक्षक होगा। साथ ही 50-50 फीसदी महिला-पुरुष कर्मचारी रखने की योजना है।