11 लोको पायलटों को जबलपुर मंडल ने डेढ़ साल से रोका, पत्नियों ने डीआरएम से लगाई वापसी की गुहार

कोटा/जबलपुर। करीब डेढ़ साल पहले अलग-अलग रेलवे मंडलों से स्पाउस ग्राउंड पर कोटा स्थानांतरित हुए कुछ लोको पायलटों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। स्थानांतरण के बाद जल्द वापस बुलाने का आश्वासन देकर 11 लोको पायलटों को जबलपुर भेज दिया गया था, लेकिन अब लगातार आग्रह के बावजूद भी इन पायलटों को वापस कोटा नहीं बुलाया जा रहा है। इसके चलते, स्पाउस ग्राउंड पर कोटा ट्रांसफर होने के बावजूद ये लोको पायलट अपने परिवार से दूर रहने की पीड़ा झेल रहे हैं।

पत्नियों ने कार्मिक अधिकारियों से की मुलाकात

इस मामले को लेकर इन लोको पायलटों की पत्नियों ने गुरुवार 31 जुलाई को डीआरएम अनिल कालरा की अनुपस्थिति में कार्मिक अधिकारियों से मुलाकात की। इन पत्नियों ने कार्मिक अधिकारियों को उनके वादे की याद दिलाते हुए पतियों को तुरंत प्रभाव से वापस कोटा बुलाने की मांग की। अधिकारियों ने एक बार फिर इन लोको पायलटों को जल्द कोटा बुलाने का आश्वासन दिया है।

डीआरएम लिख चुके हैं पत्र, फिर भी देरी

इन लोको पायलटों को वापस कोटा बुलाने के लिए डीआरएम अनिल कालरा जबलपुर मंडल को मार्च में ही पत्र लिख चुके हैं। इसके बावजूद लोको पायलट अभी तक कोटा नहीं पहुंच पाए हैं। जानकारी के अनुसार, जबलपुर में 210 नए लोको पायलट आ चुके हैं, और 50 और आने वाले हैं। इसके विपरीत, कोटा रेल मंडल में लोको पायलटों की कमी बनी हुई है, जिससे कार्य संचालन पर भी असर पड़ रहा है।


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