डीईओ-नोडल अधिकारी पर होगी कार्यवाही
रीवा। शिक्षा विभाग में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां पर फर्जी अनुकम्पा नियुक्तियां की गई है। पहले एक मामला सामने आया, जिसकी जांच आगे बढाई गई तो पांच और नए मामले सामने आ गए। अब तक 6 फर्जी अनुकंपा नियुक्त के प्रकरण मिल चुके हैं। इनके खिलाफ सिविल लाइन थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी सुदामालाल गुप्ता पर शक के दायरे में हैं।
खबर है कि पिछले एक साल में 36 अनुकंपा नियुक्तियां के मामले सामने आने के बाद सभी को नोटिस जारी किए गए। इनमें 26 तो कागजात सहित जिला शिक्षा कार्यालय पहुंच गए, लेकिन 10 नहीं पहुंचे। इसके बाद जब उनके कागजात की जांच की गई तो 6 फर्जी निकले। वहीं 4 अभी संदिग्ध हैं। यह सारे मामले सिर्फ एक साल में दी गई अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण में सामने आए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा लाल गुप्ता ने अपने कार्य काल के मामलों की जांच कराई तो यह फर्जीवाड़ा सामने आया है। लेकिन वे अब स्वयं ही घिरते जा रहे है। अब तक उनके हस्ताक्षर से 6 फर्जी अनुकंपा नियुक्ति आदेश जारी किए गए। बृजेश कुमार कोल का प्रकरण पकड़ में आया तो अब एक एक कर सारे मामले बाहर आते जा रहे हैं। फिलहाल वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यकाल के ही प्रकरण सामने आए हैं। डीईओ सुदामा लाल गुप्ता ने फिलहाल पांच व फर्जी अनुकंपा नियुक्ति लेने वालों के खिलाफ सिविल लाइन थाना में एफआईआर दर्ज करा दी है। एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस इन फर्जी नौकरी लेने वालों की तलाश में जुट गई है। इस मामले में संलग्न लिपिक को अनुकम्पा का प्रभार जिला शिक्षा अधिकारी रीवा सुदामा लाल गुप्ता द्वारा दिया गया था।
खबर है कि अनुकंपा प्रभारी रमाप्रपन्न द्विवेदी की मूल पदस्थापना विकास खंड शिक्षा अधिकारी रीवा में हैं। लेकिन उन्हें जिला शिक्षा अधिकारी रीवा अटैच करके रखे हुए थे। खबर यह भी है कि सारा फर्जीबाड़ा साजिश के तहत दस्तावेज में हेर-फेर कर किया गया। शासन स्तर से अनुकम्पा के आवेदन ऑनलाइन संकुल के माध्यम से किया जाना चाहिए था, उसके बाद हार्ड कापी में संकुल प्रभारी के हस्ताक्षर से भेजना था। हालांकि ऐसा नहीं किया गया। इस मामले में जिला कलेक्टर ने जांच कराई तो पहले एक प्रकरण सामने आया था। जिसमें नियुक्ति के बाद भी वो उपस्थित नहीं हो रहा था।
जांच में पाया गया चार-पांच नियुक्तियां और इसी तरह से है जो संदिग्ध लग रही थी। जब कमेटी बनाकर जांच कराई गई तो पता चला की इनके द्वारा गलत तरीके के दस्तावेज लगाकर ये अनुकंपा नियुक्ति पाई है। इसके बाद इस मामले से जुड़े 6 लोगों के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई गई है। नोडल अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ भी कार्यवाही को लेकर वरिष्ठ कार्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है। पुलिस अधिकारियों की माने तो मामले में हीरामणि रावत, ओम प्रकाश कोल, सुषमा कोल, विनय रावत व रमा प्रसन्नधर द्विवेदी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।