जबलपुर । अब महिलाएं भी बड़ी संख्या में आगे आकर भारतीय संस्कृति के वैदिक कर्मकांड की ओर अग्रसर हो रही है और यह महिलाएं घर-घर में जाकर पूजा पाठ, जन्मदिन संस्कार के साथ-साथ सभी 16 संस्कार विवाह आदि बिना किसी जाति बंधन एवं उम्र के संपन्न करा रही हैं। गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा 1980 में ही 21वीं सदी नारी सदी का उद्घोष किया गया था और आज यह महिलाएं पूरे विश्व में किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है उसी को साकार कर रही गायत्री परिवार की बहने जो कि घर-घर में जाकर भारतीय संस्कृति की ध्वजा फहरा रही है, वह भी नि:शुल्क। उक्त विचार शांतिकुंज हरिद्वार से पधारी हुई टोली के नायक रमेश अभिलाषी, दिनेश दुबे, सौरव गुप्ता आदि द्वारा गायत्री शक्तिपीठ मनमोहन नगर में चलाए जा रहे कर्मकांड शिविर में व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि कर्मकांड शिविर का मुख्य उद्देश्य महिलाओं एवं युवा पीढ़ी को कर्मकांड की बारीकियां समझाते हुए शुद्ध मंत्र उच्चारण एवं उसके आध्यात्मिक, वैदिक एवं वैज्ञानिक महत्व को आम जनता तक पहुंचाने का है। जिससे जो भी पूजा पाठ,यज्ञ, हवन, दीप यज्ञ, संस्कार, विवाह आदि पूर्ण विधि-विधान से किया जाए और कराने वाले को इसका पूरा आध्यात्मिक एवं वैदिक लाभ प्राप्त हो तथा उसकी भावनाएं सनातन धर्म से पूर्ण रूप से प्रभावित हो। टोली द्वारा प्रशिक्षार्थियों को संगीत का प्रशिक्षण ढपली पर दिया गया ।
गांव-गांव जाकर यज्ञ करा रही सम्पन्न
प्रशिक्षणार्थियों को विदाई संदेश देते हुए उपजोन प्रभारी डॉ. एम.पी. गुप्ता ने यज्ञाचार्यों से पं.श्रीराम शर्मा आचार्य के साहित्य का स्वाध्याय करने का निवेदन किया, ताकि जनमानस को यज्ञों के माध्यम से जीवन जीने की कला से अवगत कराया जा सके तथा प्रशिक्षण के महत्व एवं जीवन में इसकी उपयोगिता के बारे में प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुऐ अपने अनुभवों को साझा किया। मुख्य ट्रस्टी बी.बी. शर्मा ने टोली के द्वारा दिए गए प्रशिक्षण को बहुत सारगर्भित बताते हुए कहा कि गायत्री शक्तिपीठ जबलपुर महिला टोलियो के द्वारा गांव- गांव में जाकर गृहे ग्रृहे गायत्री यज्ञ संपन्न कराया जाता है। व्यवस्थापक प्रमोद राय ने शांतिकुंज टोली का सम्मान का गायत्री मंत्र का दुपट्टा, श्रीफल से सम्मान किया। कार्यक्रम में कविता तिवारी, इंदु राय, मंधु नामदेव, रंजना नामदेव, मधुलिका खरे, लक्ष्मी कुकरेले, अनीता ठाकुर का विशेष सहयोग रहा ।
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