जांच अधिकारी का कारनामा, केवल 6 समोसे खाकर नाबालिग से रेप करने वाले आरोपियों को बेदाग बताया, कोर्ट ने उठाया सख्त कदम

 

एटा. उत्तर प्रदेश के एटा जिले में 14 वर्षीय लड़की से रेप के मामले ने नया मोड़ ले लिया है. जलेसर थाना क्षेत्र से जुड़े इस मामले में विशेष पॉक्सो कोर्ट ने पुलिस की फाइनल रिपोर्ट (स्नक्र) को खारिज करते हुए सीधे अदालत में परिवाद दर्ज करने का आदेश दिया है. इस आदेश के पीछे वजह है- जांच अधिकारी द्वारा मात्र छह समोसे खाकर मामले को रफा-दफा कर देना.

1 अप्रैल 2019 को स्कूल से लौट रही किशोरी के साथ गांव के ही युवक वीरेश ने गेहूं के खेत में रेप की कोशिश की. मौके पर पहुंचे दो लोगों को देखकर आरोपी भाग निकला. पीडि़ता के पिता का आरोप है कि शुरू से ही पुलिस का रवैया एकतरफा रहा. पहले तो रिपोर्ट ही नहीं लिखी गई, बाद में कोर्ट के हस्तक्षेप से एफआईआर दर्ज हुई. लेकिन इसके बाद भी जांच में गंभीर चूक हुई.

छह समोसे की रिश्वत, झूठी कहानी गढ़ी

पीडि़ता के पिता की ओर से कोर्ट में बताया गया कि आरोपी की समोसे की दुकान है और जांच अधिकारी ने जांच के दौरान वहां जाकर छह समोसे खाए. इसके बदले उसने केस में लापरवाही दिखाई. एफआर में विवेचक ने लिखा कि पीडि़ता ने समोसे उधार मांगे थे और न मिलने पर आरोप लगाया गया. इस फर्जी कहानी को कोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया.

पुलिस पर गंभीर टिप्पणी

विशेष पॉक्सो जज नरेंद्र पाल राणा ने 27 जून 2025 को दिए गए आदेश में एफआर को रद्द करते हुए इसे परिवाद में बदलने के निर्देश दिए. कोर्ट ने माना कि चश्मदीद गवाहों के बयान दर्ज नहीं किए गए और पीडि़ता के बयान को नजरअंदाज किया गया. इससे पहले 31 अगस्त 2024 को कोर्ट ने दोबारा जांच का आदेश दिया था, लेकिन फिर वही नतीजा पेश किया गया.

क्या बोले कोर्ट में पीडि़ता के पिता?

विवेचक ने छह समोसे की रिश्वत लेकर जानबूझकर मामले को कमजोर किया. मेरी बेटी को न्याय दिलाने के लिए अब सिर्फ अदालत से ही उम्मीद है.

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